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ध्रुव तारा

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ध्रुव मंडल के कुछ तारे, जिनमें से ध्रुव ए (A) मुख्य तारा है
कैमरे का लेंस रात्री में लम्बे अरसे तक खुला रख कर रात में आसमान का चित्र खींचा जाए, तो प्रतीत होता है कि सारे तारे ध्रुव तारे के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं

ध्रुव तारा, जिसका बायर नाम "अल्फ़ा उर्साए माइनोरिस" (α Ursae Minoris या α UMi) है, ध्रुवमत्स्य तारामंडल का सब से रोशन तारा है। यह पृथ्वी से दिखने वाले तारों में से ४५वां सब से रोशन तारा भी है। यह पृथ्वी से लगभग ४३४ प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। हालांकि पृथ्वी से यह एक तारा लगता है, यह वास्तव में एक बहु तारा मंडल है, जिसका मुख्य तारा (ध्रुव "ए") F7 श्रेणी का रोशन दानव तारा या महादानव तारा है। वर्तमान युग में ध्रुव तारा खगोलीय गोले के उत्तरी ध्रुव के निकट स्थित है, यानि दुनिया में अधिकतर जगहों से ध्रुव तारा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के ऊपर स्थित प्रतीत होता है। इस कारण से तारों से मार्गदर्शन लेते हुए समुद्र या रेगिस्तान जैसी जगहों से निकलने वाले यात्री अक्सर ध्रुव तारे का प्रयोग करते हैं।

पृथ्वी के घूर्णन (रोटेशन) से रात्री में आकाश के लगभग सभी तारे धीरे-धीरे घुमते हुए लगते हैं, लेकिन ध्रुव तारा उत्तर की ओर स्थिर लगता है। अगर किसी कैमरे का लेंस लम्बे अरसे तक खुला रख कर रात में आसमान का चित्र खींचा जाए, तो तस्वीर में ऐसा प्रतीत होता है की सारे तारे ध्रुव के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।

अन्य भाषाओँ में

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ध्रुव तारे को अंग्रेज़ी में "पोलैरिस" (Polaris), "पोलस्टार" (Polestar), "नॉर्थ़ स्टार" (North star) या "लोडस्टार" (Lodestar) कहते है। अरबी में इसे "नजूम अल-शुमाल" (ur) कहते है, जिसका अर्थ है "उत्तर का तारा"। फ़ारसी में इसे "क़ुतबी सितारा" (ur) कहते हैं।

ध्रुव मंडल के तारे इस प्रकार हैं -[1]

पृथ्वी का अक्ष अयनांश

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पृथ्वी का अक्ष एक धीमी लेकिन निर्धारित गति से डगमगाता है, जिस वजह से कोई भी तारा स्थिर रूप से उसके ध्रुव के ऊपर स्थित नहीं रहता। ध्रुव तारा इस समय लगभग उत्तरी ध्रुव के ऊपर है लेकिन यह हज़ारों साल के काल में बदल जाएगा। पृथ्वी के इस अक्ष के रुझान में बदलाव ऐसा है कि हर २६,००० साल में उसका एक पूरा चक्र पूरा हो जाता है। इसका अर्थ है कि हालांकि ध्रुव तारा पृथ्वी के ध्रुव से हटता हुआ प्रतीत होगा, लेकिन आज से २६,००० वर्षों बाद ध्रुव तारा फिर से ध्रुव के लगभग ऊपर होगा। इस समय यह अक्ष अयनांश ध्रुव तारे को उत्तरी ध्रुव के और भी समीप ला रहा है। सन् २१०० में यह अपनी सब से समीपी स्थिति में होगा और उसके बाद ध्रुव से हटने लगेगा।[2]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Ian Ridpath, Wil Tirion. "The monthly sky guideMonthly Sky Guide". Cambridge University Press, 2003. ISBN 9780521533065.
  2. John Woodruff. "Firefly astronomy dictionaryFirefly Pocket Series". Firefly Books, 2003. ISBN 9781552978375.

https://www.nvacreator.online/2024/02/dhrubkekhane.html. पिता की गोद से उतारा गया बच्चा तो पकड़ ली भगवान की गोद में बैठने की जिद, जानिए ध्रुव तारे की कहानी