द इण्डिया रिपोर्ट

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भारत रिपोर्ट 1958 में चार्ल्स एम्स और रे एम्स द्वारा तैयार की गई थी।[1]

भारत सरकार ने डिजाइन में प्रशिक्षण के कार्य पर संस्तुति मांगी थीं जो लघु उद्योगों के लिए एक सहायता के रूप में काम करेगा । चार्ल्स एम्स, अमेरिकी औद्योगिक डिजाइनर और उनकी पत्नी और सहयोगी रे एम्स, ने फोर्ड फाउंडेशन के प्रायोजन के साथ, डिजाइन की समस्याओं का पता लगाने और एक प्रशिक्षण कार्यक्रम की स्थापना करने के लिए सरकार के निमंत्रण पर तीन महीने के लिए भारत का दौरा किया।[2] एम्स ने पूरे भारत का दौरा किया, डिजाइन, हस्तशिल्प और जेनेरल मनिफेक्चर के कई केंद्रों का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया।[2] उन्होंने कई व्यक्तियों के साथ, आधिकारिक और अ-आधिकारिक, छोटे और बड़े उद्योग के क्षेत्र में, डिजाइन और वास्तुकला में, और शिक्षा के विषयो पर बात की। उनके अध्ययन और चर्चाओं के परिणामस्वरूप रिपोर्ट सामने आई।[2][3]

रिपोर्ट के बाद, सरकार ने 1961 में औद्योगिक डिजाइन और विज़ुअल कम्युनिकेशन में अनुसंधान, सेवा और प्रशिक्षण के लिए एक स्वशासी राष्ट्रीय संस्थान के रूप में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान की स्थापना की गयी। [1]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "History & Background". National Institute of Design, India. मूल से 22 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2018-12-05.
  2. Mathur, Saloni (2011-05-29). "Charles and Ray Eames in India". Art Journal Open (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-03-16.
  3. National Institute of Design (2013). 50 years of the National Institute of Design, 1961-2011. Ahmedabad. OCLC 871374480. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-86199-71-8.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]