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दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय

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दिल्ली सार्वजनिक पुस्तकालय (दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी), पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संगठन है जो दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड द्वारा शासित तथा भारत सरकार द्वारा पूर्णतः वित्तपोषित है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी भारत सरकार द्वारा वर्ष 1951 में यूनेस्को परियोजना के रूप में प्रारंभ हुई थी। इस लाइब्रेरी का उदघाटन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री माननीय पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने एक छोटे से पुस्तकालय के रूप में किया गया था।

अब यह दिल्ली के महानगरीय सार्वजनिक पुस्तकालय सिस्टम के रूप में विकसित हो गई है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के क्षेत्रीय पुस्तकालयों, शाखाओं एवं उपशाखाओं, पुनर्वास कालोनी पुस्तकालयों, समुदाय पुस्तकालयों, निक्षेप केद्रों, खेल पुस्कालयों, चल पुस्तकालयों, ब्रेल पुस्तकालय आदि का जाल दिल्ली में सर्वत्र फैला हुआ है। लाइब्रेरी में 14 लाख से अधिक पुस्तकों का संग्रह है जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी एवं अन्य भारतीय भाषाओं की अधिकतर समस्त विषयों की पुस्तकें सम्मिलित हैं। पुस्तक एवं समाचार पत्र (पब्लिक लाइब्रेरी) वितरण अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के अधीन दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी चतुर्थ प्रापी पुस्तकालय भी है। यह लाइब्रेरी दिल्ली के नागरिकों को नि:शुल्क पुस्तकालय सेवाएं प्रदान करती है। लाइब्रेरी का मुख्य कार्यकलाप पुस्तक परिचालन है। यह लाइब्रेरी बाल पाठकों को भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है तथा सांस्कृतिक कार्यकलापों जैसे- भाषण, वाद-विवाद, प्रदर्शनी आदि का भी आयोजन करती है।

लाइब्रेरी की विशिष्ट गतिविधियों में से दृष्टिहीनों एवं बंदियों को पुस्तक सेवा तथा चल पुस्तकालय वाहन द्वारा पुस्तक सेवा प्रदान करना है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी भारत की विशालतम तथा दक्षिण पूर्व एशिया की व्यस्ततम पब्लिक लाइब्रेरी है।

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