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दयाल चंद्र सोनी

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दयाल चंद्र सोनी (1919-2008) वरिष्ठ सर्वोदयी, गांधीवादी एवं बुनियादी शिक्षा के मूल विचारक थे। इनका मानना था कि शिक्षा का प्रारंभ मातृभाषा में होना चाहिये। इन्होंने स्थानीय मेवाड़ी बोली में भी काफ़ी काम किया था और गीता का भी गंभीर मंथन किया था।

गांधी जी की विचारधारा पर आधारित बुनियादी शिक्षा प्रदान करने के लिये विद्याभवन के संस्थापक मोहनसिंह मेहता द्वारा स्थापित विद्याभवन बेसिक स्कूल के सोनी प्रथम प्रधानाध्यापक नियुक्त होकर सन् 1941 से 1955 तक कार्यरत रहे। सोनी ने बुनियादी शिक्षा के क्षैत्र में आधारभूत कार्य किया। प्रौढ शिक्षा क्षेत्र में इनके उल्लेखनीय कार्य को देश भर में सराहा गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हें 1992 में मदन मोहन मालवीय पुरस्कार व भारतीय प्रौढ शिक्षा संघ नई दिली ने सन 2002 में टैगोर पुरस्कार से सम्मानित किया। इनकी 30 से अधिक पुस्तकें व 300 से अधिक लेख विभिन्न पत्रों में प्रकाशित हुई।

इनकी स्मृति में उदयपुर में ‘श्री दयाल चंद्र सोनी स्मृति ट्रस्ट’ स्थापित है।

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