डबलरोटी

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Bread, white (typical)
पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस)
उर्जा 270 किलो कैलोरी   1110 kJ
कार्बोहाइड्रेट     51 g
- आहारीय रेशा  2.4 g  
वसा 3 g
प्रोटीन 8 g
थायमीन (विट. B1)  0.5 mg   38%
राइबोफ्लेविन (विट. B2)  0.3 mg   20%
नायसिन (विट. B3)  4 mg   27%
सोडियम  681 mg 30%
प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी
सिफारिशों के सापेक्ष हैं.
Bread, whole-wheat (typical)
पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस)
उर्जा 250 किलो कैलोरी   1030 kJ
कार्बोहाइड्रेट     46 g
- आहारीय रेशा  7 g  
वसा 4 g
प्रोटीन 10 g
थायमीन (विट. B1)  0.4 mg   31%
राइबोफ्लेविन (विट. B2)  0.2 mg   13%
नायसिन (विट. B3)  4 mg   27%
सोडियम  527 mg 23%
प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी
सिफारिशों के सापेक्ष हैं.

डबलरोटी या ब्रैड भाड़ में पकाई हुई खमीर लगे मैदे की रोटी होती है। यह मोटी व गुदगुदी होती है। ब्रेड एक मुख्य भोजन है जो आटे और पानी के लोई से तैयार किया जाता है, सामान्यतः बेक करके बनाया जाता है। पूरे रिकॉर्ड किए गए इतिहास में, यह दुनिया के बड़े हिस्से में प्रमुख भोजन रहा है। यह मानव निर्मित सबसे पुराने खाद्य पदार्थों में से एक है, जिसका कृषि की शुरुआत से ही महत्वपूर्ण महत्व रहा है, और धार्मिक अनुष्ठानों और धर्मनिरपेक्ष संस्कृति दोनों में आवश्यक भूमिका निभाता है।

इतिहास[संपादित करें]

आजकल विश्व के लगभग सारे देशों में डबलरोटी (ब्रेड) का उपयोग हो रहा है। लेकिन आधुनिक लोगों की पसंदीदा डबलरोटी आज से नहीं सदियों पहले से अस्तित्व में है। कहते हैं कि ईसा से 3000 वर्ष पूर्व मिस्र में डबल रोटी की शुरूआत हुई थी। वहां के लोग गुंधे हुए आटे में खमीर मिली टिकिया को भट्टी में पकाकर डबलरोटी बनाते थे। इस प्रकार डबलरोटी बनाने के नमूने मिस्र के मकबरों में मिलते हैं।

अलग-अलग देशों में अलग-अलग पदार्थों से डबलरोटी तैयार की जाती है। कहीं नमक मिले आटे या मैदा से, तो कहीं आलू, मटर, चावल या जौ का आटा मिलाकर इसे बहुत स्वादिष्ट बनाने का प्रयास किया जाता है। डबलरोटी के आटे में मिला खमीर पकाए जाने पर गैस बनाता है, जो बुलबुले के रूप में फटकर बाहर निकलती है। इसी कारण डबलरोटी में सुराख होते हैं। आदि मानव गेहूं के दानों को भिगोकर, पत्थर पर पीस लेता था। फिर उस लुगदी को अंगारों या गरम पत्थर पर सेंक लिया करता था।

ब्रेड सबसे पुराने तैयार किए जाते खाद्य पदार्थों में से एक है। यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में 30,000 वर्ष पहले के साक्ष्य से पता चलता है कि पौधों की कुटाई करने के लिए उपयोग की जाने वाली चट्टानों पर स्टार्च अवशेष हैं। [1][2] यह संभव है कि इस समय के दौरान, पौधों की जड़ों से स्टार्च का अर्क, जैसे कि कैटेल और फ़र्न, सपाट चट्टान पर फैला हुआ था, आग पर रखा गया था और रोटी के आदिम रूप में पकाया गया था। ब्रेड बनाने का दुनिया का सबसे पुराना सबूत जॉर्डन के उत्तरपूर्वी रेगिस्तान में 14,500 वर्ष पुरानी नाटुफियन स्थल में पाया गया है। [3][4]

बनाने की विधि[संपादित करें]

सभ्यता के विकास के साथ-साथ रोटी ने भी अपना रूप बदला और लुगदी की रोटी की जगह, आज खमीर युक्त डबल रोटी ने ले ली है। डबलरोटी बनाने के लिए गेहूं का आटा बनाने की प्रक्रिया भी बडी मनोरंजक है। बड़ी-बड़ी कोठियों में गेहूं जमा किया जाता है और शक्तिशाली पम्पों से एक मिनट में लगभग ढाई टन गेहूं ऊपर खींच लिया जाता है।

यह जमा किया हुआ गेहूं भी ज्यों का त्यों काम में नहीं लिया जाता बल्कि बड़ी आटा मिल में एक टॉवरनुमा ढांचे में लगी अनेक मोटी और महीन छलनियों से गुजरता है। इस प्रक्रिया से गेहूं के कंकड़ और तिनके आदि साफ हो जाते हैं। अब गेहूं धुलाई कक्ष से गुजरता हुआ गरम हवा में सूखने के लिए कुछ देर रुकता है। सूखने पर निर्धारित माप के बेलनों से इसको मोटा-मोटा दला जाता है। इसके बाद बारीक बेलनों से इसकी पिसाई होती है।

उस महीन आटे को भी पांच-छ मोटी, बारीक छलनियों से गुजरना पडता है। इन छलनियों में ताकतवर चुम्बक लगे रहते हैं, ताकि आटे में पडी लोहे की अशुध्दियों को खींच सकें। अब यह शोधित आटा मैदा बनकर बाजार में आ जाता है। बस, इसी मैदे से बनती हैं - डबल रोटियां। सर्वप्रथम एक बडे बर्तन में यंत्र द्वारा मैदा डाला जाता है। उसमें साफ पानी और निर्धारित मात्रा में चीनी एवं खमीर युक्त घोल मिलाकर गूंधा जाता है।

गुंधाई के बाद आटे को धातु की सतह वाली लंबी मेज पर रखकर एक महीन कपड़े से ढंक दिया जाता है। इस बीच खमीर के कारण आटे में खट्टापन आ जाता है और उसका जायका भी कुछ अलग हो जाता है। साथ में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस बनती है, जो समूचे आटे को फुलाकर स्पंज की तरह हल्का कर देती है। जब भट्ठी में डबल रोटी सिंकती है तो ताप के कारण गैस रोटी को छलनी करती हुई उड़ जाती है। यह विशेषता सिर्फ गेहूं के आटे में ही होती है।

अब यह गुंधा हुआ मैदा यंत्रों से कांटे पर तुलता है और निर्धारित माप की लोइयों में बंट जाता है। ये लोइयां मशीन द्वारा डबलरोटी के आकार की बनाई जाती हैं। नीचे धातु का एक पात्र रहता है, जिसमें से डबल रोटी गिरती जाती है। इन पात्रों को 450 डिग्री फारेनहाइट से 500 डिग्री फारेनाइट तक के तापमान वाली भट्ठी में रख दिया जाता है।

लगभग 40-50 मिनट बाद डबलरोटी तैयार हो जाती है। इस तैयार डबलरोटी को काटने के लिए बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। अगर ज्यादा गरम अवस्था में इसे पैक कर दिया जाए तो ठंडी पडने पर इसके सील जाने की आशंका रहती है और फफूंद उठ सकती है। इसलिए इसे प्राय: 90 डिग्री फारेनहाइट से 95 डिग्री फारेनहाइट के तापमान पर ही पैक किया जाता है।

प्रकार[संपादित करें]

ब्रेड मध्य पूर्व, मध्य एशिया, उत्तरी अफ्रीका, यूरोप और यूरोपीय-व्युत्पन्न संस्कृतियों जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी अफ्रीका में मुख्य भोजन है। यह दक्षिण और पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों के विपरीत है, जहां चावल या नूडल मुख्य भोजन है। ब्रेड आमतौर पर गेहूं के आटे से बनाई जाती है जिसे खमीर के साथ संवर्धित किया जाता है, उठने दिया जाता है, और अंत में ओवन में बेक किया जाता है। ब्रेड में खमीर मिलाना आमतौर पर ब्रेड में पाए जाने वाले वायु कोटरिका की व्याख्या करता है।[5] [6]

पाक्य उपयोग[संपादित करें]

ब्रेड को कई तापमानों पर परोसा जा सकता है; एक बार बेक होने के बाद, इसे बाद में टोस्ट किया जा सकता है। यह आमतौर पर हाथों से खाया जाता है, या तो स्वयं या अन्य खाद्य पदार्थों के कैरियर के रूप में। ब्रेड पर मक्खन लगाया जा सकता है, ग्रेवी, जैतून का तेल, या सूप जैसे तरल पदार्थों में डुबोया जा सकता है; [7] इस पर विभिन्न मीठे और नमकीन स्प्रेड रखा जा सकता है, या मांस, पनीर, सब्जियां और मसालों से युक्त सैंडविच बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। [8]

तैयारी[संपादित करें]

नमक, वसा और खमीर उठाने वाले एजेंट जैसे खमीर और बेकिंग सोडा आम सामग्री हैं, हालांकि ब्रेड में दूध, अंडा, चीनी, मसाला, फल (जैसे किशमिश), सब्जियां (जैसे प्याज), नट्स (जैसे अखरोट) या बीज (जैसे खसखस) जैसे अन्य तत्व हो सकते हैं।[9]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "३०,००० साल पहले प्रागैतिहासिक आदमी ने फ्लैटब्रेड खाया: अध्ययन". Physorg.com. फ्रांस मीडिया एजेंसी. १९ अक्टूबर २०१०. अभिगमन तिथि १९ अक्टूबर २०१०.
  2. बेहरेंड्ट, लारिसा (२२ सितम्बर २०१६). "स्वदेशी ऑस्ट्रेलियाई जानते हैं कि हम सबसे पुरानी जीवित संस्कृति हैं - यह हमारे सपनों के समय में है | लारिसा बेहरेंड्ट". द गार्डियन (अंग्रेज़ी में). आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0261-3077. अभिगमन तिथि 2020-02-08.
  3. "प्रागैतिहासिक बेक-ऑफ: वैज्ञानिकों ने रोटी के सबसे पुराने सबूत की खोज की". बीबीसी. १७ जुलाई २०१८. अभिगमन तिथि १७ जुलाई २०१८.
  4. Amaia Arranz-Otaegui, Lara Gonzalez Carretero, Monica N. Ramsey, Dorian Q. Fuller, और Tobias Richter: पुरातात्विक साक्ष्य से पता चलता है कि पूर्वोत्तर जॉर्डन में 14,400 साल पहले रोटी की उत्पत्ति हुई थी। पीएनएएस, 2018-07-11 (online Archived 2018-10-19 at the वेबैक मशीन)
  5. "पुणे में बेकरी". लवलोकल.इन. अभिगमन तिथि ८ जुलाई २०२१.
  6. Air Holes or Tunnels Inside Archived 2017-11-19 at the वेबैक मशीन. quakeroats.com
  7. ग्रोट्स, लिसा मिर्जा (२१ जून २०११). "रोटी और मक्खन शिष्टाचार". हफ़िंगटन पोस्. अभिगमन तिथि २ अक्टूबर २०१६.
  8. "सैंडविच रेसिपी". सिम्पली रेसिपीज. मूल से 30 September 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ अक्टूबर २०१६.
  9. "ब्रेड रेसिपी". ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन. मूल से २४ सितम्बर २०१६ को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २ अक्टूबर २०१६.

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

बाहरी कडि़यां[संपादित करें]