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हिन्दी साहित्य का इतिहास --------

हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा को प्रारंभ किसने किया === गार्सा द तासी जिन्होनें  फेंच भाषा में इस्तवार –द –ला लितरेत्युर एन्दुई  ए हिंदुस्तानी ग्रन्थ का प्रथम भाग १८३९ और दूसरा भाग १८४७ में प्रकशित हुआ |

२- १८८८ में गियर्सन रचित द मॉडर्न  वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ हिंदुस्तान लिखा जो हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास कहा जाता हैं

प्रश्न कैसे होगें जानते हैं --------

1-हिन्दी साहित्य के इतिहास –लेखन का सर्वप्रथम प्रयास किसने किया --- गार्सा द तासी

२-हिन्दी साहित्य के इतिहास का लेखन किस भाषा में हुआ ---- फ्रेंच भाषा

३-हिन्दुस्तानी साहित्य का इतिहास लिखने वाले गार्सा द तासी किस भाषा के विद्वान थे ---------- फ्रेंच भाषा

४- इस्तवार –द –ला लितरेत्युर एन्दुई  ए हिंदुस्तानी ग्रन्थ के लेखक कौन हैं --- गार्सा द तासी

हिन्दी भाषा का प्रथम व्याकरण जोहांस जोशुआ केटलर ने किया था हिन्दी का समान्य ज्ञान कराने के लिए हिन्दुस्तानी ग्रामर १७१५ के आस –पास लिखा था 1943 में किशोरीदास वाजपेई का बृजभाषा व्याकरण प्रकाशित हुआ था अच्छी हिन्दी का नमूना 1948 में बृजभाषा का प्रथम व्याकरण और हिन्दी निरुक्त 1949 में तथा हिन्दी शब्दानुशासन 1958 में प्रकाशित हुआ

1-           हिन्दी भाषा का प्रथम व्याकरण किसने लिखा -------- जोशुआ केटलर ने

2-           बृजभाषा का प्रथम व्याकरण और हिन्दी निरुक्त किसकी रचनाएं हैं -- किशोरीदास वाजपेई

हिन्दी साहित्य के इतिहास को व्यवस्थित रूप देने का श्रेय आचार्य रामचंद्र शुक्ल को जाता हैं 1929 में हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखा जिसको नागरी प्रचारणी सभा ने प्रकशित हिन्दी शब्द सागर की भूमिका के रूप में लिखा गया

1-आचार्य रामचंद्र शुक्ल का हिन्दी साहित्य का इतिहास पुस्तक को कब प्रकशित किय गया --- 1929में

२-वह कौनसि रचना हैं जिसको नागरी प्रचारणी सभा ने प्रकशित हिन्दी शब्द सागर की भूमिका के रूप में लिखा गया--------------- आचार्य रामचंद्र शुक्ल का हिन्दी साहित्य का इतिहास

३- हिन्दी साहित्य के इतिहास को व्यवस्थित रूप देने का श्रेय किनको जाता हैं ---- आचार्य रामचंद्र शुक्ल को

शिव सिंह सेंगर ने शिवसिंह सरोज नाम से हिन्दी भाषा का इतिहास लिखा जिसमे 838 भाषा कवियों का जीवन चरित का परिचय रखा गया

आंग्ल भाषा में पादरी एडसिन ग्रीब्ज ने हिन्दी साहित्य का इतिहास स्केच ऑफ़ हिन्दी लिटरेचर लिखा |

किशोरी लाल गुप्त जिनका जन्म १९१६ में भदोई उत्तर प्रदेश में हुआ था इनको विन्ध्य गौरव से समानित किय गया था इनकी रचना हिन्दी साहित्य का इतिहास हिन्दी प्रचारक संसथान वाराणसी से प्रकशित हुई थी |

किशोरी लाल गुप्त की अंतिम प्रकशित रचना सूरसागर की टिका ४ खंडो में हैं

1गियर्सन रचित द मॉडर्न  वर्नाक्युलर लिटरेचर ऑफ़ हिंदुस्तान का हिन्दी अनुवाद       किसने किया था ------------ किशोरी लाल गुप्त

२-किशोरी लाल गुप्त को किस अम्मान से सम्मानित किय गया था -- विन्ध्य गौरव

हिन्दी

साहित्य का इतिहास का काल विभाजन करने वाले इतिहासकार डॉ जोर्ज गियर्सन हैं जिन्होंने आदिकाल की अंतिम सीमा 1400 ई. तक मानी हैं

1-किस लेखक के इतिहास ग्रन्थ में सर्वप्रथम हिन्दी साहित्य का काल विभाजन मिलता हैं--- डॉ जोर्ज गियर्सन

हिन्दी साहित्य इतिहास का काल विभाजन में कवियों के नाम का सर्वाधिक उपयोग मिश्र वन्धुओ ने अपनी कृति मिश्रबंधु विनोद में 5000 कवियों को स्थान दिया हैं जिसे 8 से भी अधिक काल खंडो में विभक्त किय हैं मिश्रबंधु विनोद के चार भाग हैं प्रथम 3 भागो का प्रकाशन 1913 में जबकि चौथा भाग का प्रकाशन 1934 में हुआ

इतिहास लेखको के नाम – श्याम बिहारी मिश्र – गणेश बिहारी मिश्र शुकदेव बिहारी

मिश्र बंधुओं ने -  मिश्रबन्धु विनोद  में काल विभाजन का प्रयास किया

प्रारंभिक काल –700 से 1440 विo

माध्यमिक काल -1445 से 1680 विo

अलंकृत काल -1681-से 1889 विo

परिवर्तन काल – 1890 से 1925 विo

वर्तमान काल – 1926 से अब तक

1-किस इतिहास लेखक ने 5000 कवियों का परिचय अपनी रचना मे दियाहैं -मिश्र बंधु

२- मिश्रबन्धु विनोद  का चौथा भाग कब प्रकाशित हुआ --- 1934 में

३--  मिश्रबन्धु विनोद  कितने भागो में प्रकाशित हुआ ----- 4 भाग

४- -  मिश्रबन्धु विनोद में परिवर्तन काल की समय सीमा निर्धारित की गई हैं --1890 से 1925 विo

५- मिश्रबन्धु विनोद के प्रथम ४ भागो का प्रकाशन कब हुआ --- 1913 में

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय 1868-1893 (संवत 1925-1950) तक ,दुसरे उत्थान का समय 1893-1918 (संवत 1950-1975) तक

1-           आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय क्या निर्धारित किय हैं ---1868-1893 (संवत 1925-1950)

2-           आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने प्रथम उत्थान का समय क्या निर्धारित किया हैं--1893-1918 (संवत 1950-1975) तक

काशी नागरी प्रचारणी सभा की स्थापना 1893 ई. में श्यामसुंदर दास ,रामनारायण मिश्र ,ठाकुर शिवकुमार सिंह ने 

की थी इस सभा का कार्य हिन्दी साहित्य के नियंत्रण सञ्चालन तथा देवनागरी लिपि की उन्नति का प्रचार प्रसार करना हैं हिन्दी शब्द सागर का प्रकाशन भी यहाँ से ही किय गया

हिन्दी शब्द सागर श्यामसुंदर दास की हैं |

1-           काशी नागरी प्रचारणी सभा की स्थापना कब हुई ----1893 ई.में

2-           काशी नागरी प्रचारणी सभा की स्थापना किसने की ------ श्यामसुंदर दास ,रामनारायण मिश्र ,ठाकुर शिवकुमार सिंह

3-           हिन्दी शब्द सागर किनकी रचना हैं ------------- श्यामसुंदर दास

4-           काशी नागरी प्रचारणी सभा का अन्य नाम क्या हैं --- नागरी प्रचारणी सभा

आचार्य रामचंद्र वर्मा ने आचार्य किशोरीलाल बाजपेयी के साथ मिलकर अच्छी हिन्दी का आन्दोलन चलाया था |इनकी पुस्तक 1919 में महात्मा गाँधी पुस्तक लिखी थी |

लार्ड वेलेजली ने गिलक्राइस्ट की अध्यक्षता में ओरियनटल सैमिनरी की स्थापना की थी बाद में यही संस्था फोर्ट विलियम कालेज के रूप में परिवर्तित हुई इसकी स्थापना टीपू सुल्तान पर ब्रिटेन की निर्णायक विजय की स्मृति में 10 जुलाई 1800 को लार्ड वेलेजली ने की थी गिलक्राइस्ट को हिन्दुस्तानी विभाग का अद्ध्यक्ष चुने गएँ

1-           फोर्ट विलियम कालेज की स्थापना कब की गई ---10 जुलाई 1800

2-           कलकत्ता में फोर्ट विलियम कालेज के संस्थापक कौन थे --- लार्ड वेलेजली ने

सदल मिश्र बिहार प्रान्त के शाहाबाद के ध्रुवडीहा के रहने बाले थे इनके पिता का नाम नंदमणि  मिश्र था यह कलकत्ता के फोर्ट विलियम कालेज में हिन्दुस्तानी विभाग के अध्यापक थे इनकी भाषा की विशेषता में पुरबीपन, बृजभाषा , बांग्ला का प्रभाव स्पष्ट होता हैं इनकी रचनाएँ नासिकेतोपाख्यान या चन्द्रावती (1803), रामचरित (1806)हैं  

1-           सदल मिश्र की भाषा की विशेषता हैं ---- पुरबीपन, बृजभाषा , बांग्ला

2-           सदल मिश्र किस कालेज के अध्यापक थे --- कलकत्ता के फोर्ट विलियम कालेज में हिन्दुस्तानी विभाग के अध्यापक थे

आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने खड़ी बोली गद्य का प्रारंभ अकबर के दरबारी कवि गंग के चन्द छन्द बरनन  की महिमा से माना हैं

लल्लू  लाल की रचना प्रेमसागर हैं बृजभाषा का प्रभाव हैं

मुंशी सदासुखलाल की रचना सुखसागर हैं

इंशाअल्लाह खां की रचना  रानी केतकी की कहानी  जिसको उदयभान चरित भी कहा जाता हैं जिस पर अरबी फारसी उर्दू भाषा का प्रभाव हैं

1-लल्लू लाल की रचना हैं ------ प्रेमसागर

२-रानी केतकी की कहानी किसकी रचना हैं --- इंशाअल्लाह खां

३- नासिकेतोपाख्यान किनकी रचना है ---सदल मिश्र

४- रानी केतकी की कहानी का अन्य नाम क्या हैं- उदयभान चरित

५-सुखसागर किनकी रचना हैं –सदा सुखलाल

६-सुखसागर का विषय क्या हैं ---विष्णुपुराण के उपदेशात्मक प्रसंग

७- प्रेमसागर किसकी रचना हैं ----लल्लू लाल

८-कौन फोर्ट विलियम कालेज कलकत्ता में हिंदी भाषा के अध्यापक थे ----सदल मिश्र

और लल्लू लाल

भाषा योगवशिष्ठ संवत १७६८ में लिखा गया जिसकी रचना रामप्रसाद निरंजनी ने खडी बोली में लिखा इसको खड़ी बोली का प्रथम ग्रन्थ माना जाता हैं इसकी भाषा गुरुमुखी लिपि में मिलती हैं

१-खड़ी बोली की प्रथम रचना किसे माना जाता हैं ---- योगवशिष्ठ

२- योगवशिष्ठ की रचना किसने की ----१७६८ में रामप्रसाद निरंजनी

खड़ी बोली का प्रयोग भाषा के रूप में सबसे पहले गिलक्राइस्ट पर सदल मिश्र ने 1803 में किया

आधुनिक हिंदी साहित्य के इतिहास में राजा द्वय के नाम से कौन विख्यात हैं ---        -------राजा लक्ष्मण सिंह और राजा शिव प्रसाद सितारे हिन्द

हिंदी के प्रथम गद्यकार हैं ---------------- लल्लू लाल