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टी-परीक्षण

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टी-परीक्षण (t-test) से आशय किसी भी सांख्यिकीय परिकल्पना (हाइपोथेसिस) से है जिसमें परीक्षण की सांख्यिकी 'नल हाइपोथेसिस' के अन्तर्गत 'स्टुडेन्ट टी-वितरण' (Student's t-distribution) का अनुसरण करती है। इसका विकास १९०८ में विलियम सीली गोसेट ने 'स्टुडेन्ट' के छद्मनाम से की थी।

टी-परीक्षण करते समय किए गए आम धारणाओं में माप के पैमाने, यादृच्छिक नमूनाकरण, डेटा वितरण की सामान्यता, नमूना आकार की पर्याप्तता और मानक विचलन में अंतर की समानता शामिल है।