झुरैया मंदिर बेगमगंज

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यह मंदिर भारत देश के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित तहसील बेगमगंज के सदाय स्थल पर अवस्थित है इस दो शिखरों वाले मंदिर के प्रमुख देवता श्री हनुमान जी महाराज हैं| यहां पर हनुमान जी महाराज की प्रतिमा ब्राह्मण के रूप मैं स्थापित है| ऐसा माना जाता है कि श्री हनुमान जी महाराज ने जब सुग्रीव के अनुरोध पर ब्राह्मण का रूप धारण करके वन में विचरण करते हुए श्री राम और श्री लक्ष्मण जी से मुलाकात की थी हनुमान जी के उसी रूप की यहां पर पूजा अर्चना होती है|

इतिहास

ऐसी किवदंती है कि आल्हा के भांजे महाराजा श्रीसियानन्द ने अपने किले के मुख्य एवं पूर्वी द्वार पर इस प्रतिमा को प्राप्त कर के वही स्थापना करवाई थी वैसे तो इस बात का कोई सूत्र या लेख प्राप्त नहीं होता लेकिन जन समूह की ऐसी भावना है| बाद में यह प्रतिमा इसी स्थान पर श्रीयुत पंडित जगन्नाथ प्रसाद जी दुबे के लिए प्राप्त हुई उन्होंने विधि पूर्वक हनुमान जी की प्रतिष्ठा एवं स्थापना करवाई|

इसके बाद से उनकी पीढ़ी इस मंदिर का आचार्यतत्व करती है|

मान्यताऐ

यहां पर स्थानीय लोगों के अनुसार हर आने वाले व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है| जो लोग आते हैं वह नारियल भगवान के चरणों में अर्पित करके अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। यहां पर कुछ उत्सव भी मनाए जाते हैं जिसमें हनुमान जयंती प्रमुख है यह मंदिर का प्रमुख उत्सव माना जाता है चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र रामनवमी आदि उल्लेखनीय हैं। हनुमान जी के अलावा इस मंदिर में शिव परिवार राम दरबार दुर्गा जी एवम महाकाली के साथ भैरव आदि की भी प्रतिमाएं स्थापित है। मंदिर में एक 30 से 38 फुट ऊंचा पीपल का वृक्ष है जिस पर जल चढ़ाकर एवम नारियल रखकर लोग अपनी मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिर के प्रांगण में एक कुआं अवस्थित है ऐसा माना जाता है कि यह कुआं पहले खा रहा था लेकिन यहां के वर्तमान आचार्य पूज्य गुरुजी की कृपा दृष्टि से एवं हनुमान जी महाराज के चमत्कार से इस कुएं का पानी मीठा हो गया। यहां लोग ऐसा बताते हैं कि कन्या भोजन के समय जल की व्यवस्था के लिए गुरु जी से निवेदन किया गया तब उन्होंने कहा कि जल यही कुआं पिलाएगा लेकिन उसका पानी इतना खारा था कि लोग भी नहीं सकते जब लोगों ने गुरुजी से कहा किस का पानी कैसे पिया जाए गा तो उन्होंने कहा वह हनुमान जी जाने उनको अगर पानी पिलाना होगा तो वही पिलाएंगे ऐसा कह कर वह हनुमान जी से प्रार्थना करने लगे तभी कुएं से जल लिया गया और किसी ने पी कर देखा तो कुएं का जल मीठा था।

यहां के वर्तमान आचार्य पद पर श्रीयुत पुज्यपाद जागेश्वर प्रसाद वैद्य दुबे जी विराजमान हैं।

यहां पर नियमित आरती पूजा-पाठ आदि चलता रहता है मंदिर सुबह 5:00 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाता है एवम 515 पर श्री हनुमान जी की मंगला आरती की जाती है 10:00 बजे मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं एवं टाइम 5:00 बजे फिर खोल दिए जाते हैं टाइम 7:30 पर भगवान की संध्या आरती की जाती है एवं 9:30 पर मंदिर बंद कर दिया जाता है।

सप्ताह में मंगलवार एवं शनिवार को भारी भीड़ देखने मिल जाती है लोग हाथ में प्रसाद आदि ले कर मंदिर में प्रवेश कर पूजा अर्चना करते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।


सन्दर्भ[संपादित करें]