योहानेस गुटेनबर्ग
जॊहानस गूटन्बर्ग | |
---|---|
जन्म |
ल. 1400 माइन्त्स, पवित्र रोम साम्राज्य |
मौत |
3 फरवरी 1468 माइन्त्स, पवित्र रोम साम्राज्य |
राष्ट्रीयता | जर्मन |
पेशा | उत्कीर्णक, आविष्कारक, मुद्रक |
प्रसिद्धि का कारण | जंगम मुद्रक यन्त्र का आविष्कार |
योहानस गेन्स्फ़्लाइश त्सुर लाडन त्सुम गूटन्बर्ग (ल. 1400 - 3 फरवरी 1468) एक जर्मन आविष्कारक, मुद्रक, प्रकाशक और स्वर्णकार थे जिन्होंने अपने यांत्रिक जंगम प्रकार के मुद्रण यन्त्र के साथ यूरोप में छपाई की शुरुआत की। उनके कार्य ने यूरोप में मुद्रण क्रान्ति का आरम्भ की और इसे दूसरी सहस्राब्दी का एक मीलशिला माना जाता है, जो मानव इतिहास के आधुनिक इतिहास का आरम्भ करता है। इसने पुनर्जागरण, यूरोपीय धर्मसुधार, यूरोपीय ज्ञानोदय और वैज्ञानिक क्रान्ति के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, साथ ही साथ आधुनिक ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए भौतिक आधार और ज्ञान का जनतंत्रीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
परिचय
[संपादित करें]गूटन्बर्ग एक व्यापारी का पुत्र था और एक बड़ी कृषि संपत्ति में बड़ा हुआ। बाल्यकाल से ही उन्होंने तेल और जैतून की चाप देखी थीं। इसके बाद, उन्होंने पत्थरों को चमकाने की कला सीखी, स्वर्णकार्य सीखी, और कांच को इच्छित आकृतियों के सांचे बनाने की विशेषज्ञता भी प्राप्त की। इस ज्ञान के आधार पर गूटन्बर्ग ने अपने आविष्कार को बनाने करने के लिए अपनाया। जैतून प्रेस ने मुद्रक यन्त्र के लिए आदर्श प्रदान किया, और सांचों में वर्णमाला के अक्षरों को धातु के आकृति को ढालने के लिए उपयोग किया। 1448 तक, गूटन्बर्ग ने प्रणाली को उत्कृष्ट किया। उन्होंने बाइबल को प्रथम बार छापा था। लगभग 180 प्रतियां छापी गईं और उन्हें तैयार करने में तीन वर्ष लगे। उस समय के मानकों के अनुसार यह अत्यन्त द्रुत गति से उत्पादन था।