जोशीया

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हिब्रू बाइबल के अनुसार जोशीया या योशीया (Josiah / ६४९-६०९ ईo पूo)) यहूदिया (Juda) अर्थात् दक्षिण फिलिस्तीन के १६वें राजा थे। अधिकांश इतिसकार मानते हैं कि योशीया ने महत्वपूर्ण हिब्रू धर्मग्रन्थों का संकलन किया या उन्हें स्थापित किया। अपने पिता की हत्या होने पर वे आठ वर्ष की उम्र में राजा बने थे।

परिचय[संपादित करें]

जोशिया अत्यंत धार्मिक थे; पतनोन्मुख यहूदी धर्म का सुधारांदोलन उनके द्वारा प्रारंभ हुआ। उन्होंने यहूदिया तथा इसराएल (उत्तरी फिलिस्तीन) में मूर्तिपूजा के सभी मंदिर नष्ट कर दिए। मूर्तिपूजा पर प्रतिबंध लगाया। योरुसलेम के मंदिर का पुनरुद्धार किया तथा मूसा की संहिता को पूर्ण रूप से लागू कर दिया। ६०९ ईo पूo में जब मिस्र के राजा नेको बाबुल के विरुद्ध असीरिया की सहायता करने के उद्देश्य से फिलिस्तीन पार कर रहे थे तब ज़ोशीया ने अपनी सेना के साथ उनको एसट्रालोन के मैदान में रोकना चाहा। वह उस युद्ध में आहत होकर शीघ्र ही योरुसलेम में चल बसे। अत: उनके द्वारा चलाए हुए सुधारांदोलन का प्रगति रुक गई। जेरेनियाआदि कुछ लोगों ने इसे बनाए रखने का व्यर्थ प्रयास किया। जोशीया के सुधारांदोलन की असफलता यहूदी जाति के लिये महाविपत्ति सिद्ध हुई।


सन्दर्भ[संपादित करें]