जैन-टेलर-मेटल

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परिचय[संपादित करें]

जापानी वैज्ञानिकों ने तत्व की नयी अवस्था जैन-टेलर-मेटल की खोज की है।

विस्तार[संपादित करें]

जापानी वैज्ञानिकों ने 14 मई 2015 को तत्व की नयी अवस्था की खोज की। यह तत्व एक इंसुलेटर, सुपरकंडक्टर, धातु एवं चुंबक जैसा प्रतीत होता है।

यह अध्ययन तोकुहू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कोस्मस प्रसीडेस द्वारा किया गया। इसमें उन्होंने पाया कि सुपरकंडक्टर कार्बन-60 मौलिक्युल्स अथवा बकीबॉल्स से मिलकर बना है।

इस शोध का साइंस एडवांसेज नामक पत्रिका में वर्णन किया गया है। इसमें सीज़ियम फ्लुराइड (Cs3C60) की मौजूदगी से यह अन्य तत्वों से स्वयं को भिन्न करता है। इस शोध से पता चला है कि यह नया तत्व उच्च तापमान पर भी नए अणुओं का विकास कर सकता है।

शोध से पता चला है कि इस तत्व में इंसुलेशन, धातु तथा अतिचालकता का मिश्रण है। यह शोध इस बात की ओर इंगित करता है कि अणुओं की इलेक्ट्रॉनिक संरचना इलेक्ट्रॉन्स के बीच अतिचालकता का कारण बन सकती है।

अतिचालक विभिन्न तत्वों से मिलकर बनने वाली संरचना है जो विद्युत धाराओं को प्रवाहित करने के उपरांत शून्य प्रतिरोध पैदा करती है। इसमें तीन अलकाई धातुओं एवं अणुओं का दो दशकों से भी अधिक समय तक अध्ययन करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सका।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]