जीवात्मा
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जीवात्मा भारतीय दर्शनों में प्रयुक्त एक शब्दावली है जिसका विभिन्न मतों में अलग-अलग अर्थ व्यक्त किया गया है और भिन्न-भिन्न लक्षण गिनाये गये हैं।[1][2][3][4][5]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Shobha Nigam (1 January 2008). Bharatiya Darshan Indian Philosophy. Motilal Banarsidass Publishe. पपृ॰ 248–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-2416-4.
- ↑ Radhakrishnan; Dr. S. Bhartiya Darshan-I. Rajpal & Sons. पपृ॰ 260–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7028-187-0.
- ↑ Shivswaroop Sahay (1 January 2008). Pracheen Bharatiya Dharm Evam Darshan. Motilal Banarsidass Publishe. पपृ॰ 45–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-2369-3.
- ↑ Govind Singh. Astavakra Gita. Diamond Pocket Books (P) Ltd. पपृ॰ 82–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-284-0028-5.
- ↑ Jadunath Sinha (1 January 2008). Bharatiya Darshan Indian Philosophy. Motilal Banarsidass Publishe. पपृ॰ 254–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-2132-3.
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