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जांगिड़

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जांगिड़ भारत में एक ब्राह्मण जाती है। यह ब्रह्माऋषि अंगिरा की संतान हैं। हरियाणा, राजस्थान और पंजाब राज्यों में उनकी उल्लेखनीय उपस्थिति है[1] और उनका पारम्परिक व्यवसाय तक्षणकला, विशेषकर काष्ठोत्कीर्णन और असबाब निर्माण है। आज, जांगिड़ को आमतौर पर पेंटिंग[2] [3] के लिए जाना जाता है।[4][5]

  1. Cūrū. Javāhara Kalā Kendra. 1994. अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2021.
  2. Joshi, Om Prakash (1976). Painted Folklore and Folklore Painters of India: A Study with Reference to Rajasthan. Concept Publishing Company. पपृ॰ 73–74.
  3. Rādhākr̥shṇa Vaśishṭha (1995). Art and Artists of Rajasthan: A Study on the Art & Artists of Mewar with Reference to Western Indian School of Painting. Abhinav Publications. पृ॰ 91. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7017-284-0.
  4. K. S. Singh (1998). Rajasthan. Popular Prakashan. पपृ॰ 201–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7154-766-1.
  5. Shashi, Shyam Singh; Hiremath, Siddalingaswami Gurulingashastrigalu; Siṃha, Lākhana (1993). Sāmājika vijñāna Hindī viśvakośa. Kitabghar Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7016-246-9. अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2021.