जल्लीकट्टू
दिखावट
![]() एक युवक एक बैल का नियंत्रण लेने की कोशिश | |
उपनाम | चढ़ाई आलिंगन, मंजू मुक्त |
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सबसे पहले खेला गया | 400-100 BC [1] |
विशेषताएँ | |
मिश्रित लिंग | नहीं |
स्थल | खुला मैदान |
ओलंपिक | नहीं |
जल्लीकट्टू (Jallikattu) तमिल नाडु के ग्रामीण इलाक़ों का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्यौहार पर आयोजित कराया जाता है और जिसमे बैलों से इंसानों की लड़ाई कराई जाती है। [2] जल्लीकट्टू को तमिलनाडु के गौरव तथा संस्कृति का प्रतीक कहा जाता है। ये 2000 साल पुराना खेल है जो उनकी संस्कृति से जुड़ा है। [3]
इस खेल पर पाबंदी लगाने
[संपादित करें]जानवरों की सुरक्षा करने वाली संस्था पेटा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गयी। अदालत ने 2014 में इस खेल पर पाबंदी लगाने का फैसला सुनाया.[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ François Gautier. A Western Journalist on India: The Ferengi's Columns. Archived from the original on 28 मई 2013. Retrieved 19 जनवरी 2017.
- ↑ अ आ "जल्लीकट्टू हमारे गौरव और संस्कृति का प्रतीक है'". BBC. Archived from the original on 22 जनवरी 2017. Retrieved 19 January 2017.
- ↑ "What is Jallikattu? - This 2,000-year-old sport is making news in India. Here's why – The Economic Times". Archived from the original on 16 जनवरी 2017. Retrieved 17 January 2017.