जलाविषांचन

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जलाविषांचन
विशेषज्ञता क्षेत्रविषविज्ञान, सघन देख-भाल चिकित्सा

जलाविषांचन या अतिजलयोजन, मस्तिष्क के प्रकार्यों में एक सम्भावित घातक असन्तुलन है, जिसके फलस्वरूप शरीर में विद्युदपघट्यों का सामान्य सन्तुलन अत्यधिक जलपान से सुरक्षित सीमा से बाहर चला जाता है।

सामान्य परिस्थितियों में, गलती से अत्यधिक जलपान असाधारण है। सामान्य व्यक्तियों में जलाविषांचन से सम्बन्धित लगभग सभी मृत्यु या तो जलपान की प्रतियोगिताओं के कारण हुई हैं, जिसमें व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में जलपान का प्रयास करते हैं, या दीर्घकालिक व्यायाम करने के दौरान अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन किया जाता है। [1] इसके अतिरिक्त, जल उपचार, यातना की एक विधि जिसमें पीड़ित को अत्यधिक मात्रा में जलपान हेतु मजबूर किया जाता है, जलाविषांचन का कारण बन सकता है। [1]

जल को, किसी भी अन्य पदार्थ की तरह, अल्पकालीन अत्यधिक सेवन करने पर विष माना जा सकता है। जलाविषांचन अधिकांशतः तब होता है जब पर्याप्त विद्युदपघट्यों के सेवन के बिना अधिक मात्रा में जलपान किया जा रहा हो। [2]

शरीर में जलाधिक्य किसी चिकित्सीय स्थिति या अनुचित उपचार का परिणाम भी हो सकती है; उदाहरणार्थ: अल्पसोडियमरक्‍तता

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Noakes TD, Speedy DB (July 2006). "Case proven: exercise associated hyponatraemia is due to overdrinking. So why did it take 20 years before the original evidence was accepted?". British Journal of Sports Medicine. 40 (7): 567–72. PMID 16799109. डीओआइ:10.1136/bjsm.2005.020354. पी॰एम॰सी॰ 2564296.
  2. Farrell DJ, Bower L (Oct 2003). "Fatal water intoxication". Journal of Clinical Pathology. 56 (10): 803–804. PMID 14514793. डीओआइ:10.1136/jcp.56.10.803-a. पी॰एम॰सी॰ 1770067.