जनतंत्र मोर्चा

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

जनतंत्र मोर्चा संघर्ष का संगठन है। जनतंत्र मोर्चा सम्पूर्ण परिवर्तन के लिए लड़ने वालों का संगठन है। जनतंत्र मोर्चा उनका संगठन है, जो इस देश में जनता की सत्ता चाहते हैं, जो संविधान को सौ प्रतिशत लागू करना चाहते हैं। जनतंत्र मोर्चा का नीति संबंधी मसौदा ऐसा मसौदा है, जो जनता की आज की स्थिति को पूरी तरह बदलने का रास्ता दिखाता है। जनतंत्र मोर्चा लोकतंत्र का ऐसा प्रयोग है, जिसमें हर व्यक्ति अपनी राय, नीति और कार्यक्रम तथा समस्याओं के निदान में दे सकता है। जनतंत्र मोर्चा देश के 120 करोड़ लोगों को आपस में सीधे जोड़ने का एक नया प्रयोग है, जिसे हम लोकतंत्र का जनतांत्रिक चेहरा कह सकते हैं।

मुख्य संगठन :

श्री अन्ना हज़ारे जनतंत्र मोर्चे के संरक्षक हैं और श्री जनरल वीके सिंह जनतंत्र मोर्चे के अध्यक्ष हैं।

जनतंत्र मोर्चे की इकाईयां:

हर जगह गांव और मोहल्लों में जनतंत्र मोर्चे की इकाई बनेगी, यह इकाई गांव को कैसे स्वाबलंबी बनाना है, उस पर विचार करेगी। हर गांव, मोहल्लों और कॉलेजों में अलग-अलग विषयों पर समितियां बनेंगी. इन समितियों में युवाओं की भागीदारी को प्राथमिकता दी जाएगी. हर स्तर पर आर्थिक विकास के लिए, आर्थिकं समिति, सरकारी योजनाएं सही ढंग से चल रही हैं या नहीं इसके लिए निगरानी समिति, रोज़गार समिति, शिक्षा समिति, स्वास्थ्य समिति, जल समिति, कृषि समिति, सरकारी योजना अध्ययन समिति, विदेश नीति समिति, जन संसाधन विकास समिति, उद्योग समिति, कल्चरल समिति, महिला विकास समिति और कमज़ोर तबक़ों को मुख्य धारा में लाने के तरीके सुझाने वाली समिति सहित हर विषय पर समितियां बनेंगी. वंचित, दबे कुचले, अल्पसंख्यक और महिलाओं के विचारों को इन समितियों में प्राथमिकता देकर जोड़ा जाएगा. ये समितियां अपनी राय महीने में एक बार अवश्य देंगी तथा समय-समय पर इन सभी समितियों से राय भी मांगी जाएगी. पार्टिसिपेटरी लोकतंत्र का स्वरूप विकसित किया जाएगा. यह लोकतंत्र का शुद्ध स्वरूप है, जिसमें करोड़ों की हिस्सेदारी होगी।

संघर्ष चलाने के लिए संयोजन समितियां बनेंगी, लेकिन वह स्थायी नहीं होंगी, क्योंकि यह समितियां अगर संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाती हैं, तो इनकी जगह दूसरी संयोजन समितियां बनेंगी.

जनता होगी और संघर्ष का नेता होगा, जो देश में जनतंत्र स्थापित करने के लिए समय देगा और जो वैचारिक स्तर पर प्रामाणिक होगा, वही कार्यकर्ता की भूमिका निभाएगा. जनतंत्र मोर्चे में सभी की राय का सम्मान होगा। इसकी बैठकें मुख्यत: गांव, मोहल्लों और स्कूल-कॉलेजों में होंगी. जनतंत्र मोर्चा सच्चे जनतंत्र की स्थापना के लिए जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप देश को बदलने में अपनी सारी क्षमताओं का उपयोग करेगा।

उद्देश्यः

देश की जनता जब खड़ी हो जाएगी, तो देश में अंग्रेज़ों का क़ानून ख़त्म होगा। संविधान की आत्मा और जनता की आंकाक्षाओं के मुताबिक़ क़ानून बनेंगे. बेरोज़गारी, मंहगाई, भ्रष्टाचार, शोषण और अत्याचार ख़त्म होगा। किसान की ज़मीन कोई छीन नहीं सकेगा और खनिजों को कोई लूट नहीं सकेगा। जल, जंगल और ज़मीन पर देश का अधिकार होगा। इस व्यवस्था में समाज के सबसे कमज़ोर वर्गों और सभी वर्गों के शोषित और गरीबों को न्यायपूर्ण हिस्सेदारी मिलेगी, तथा गांव स्वायत इकाई के रूप में विकसित होंगे।

छह महीने के संघर्ष कार्यक्रम के बाद हर स्तर पर सारे देश में जनतंत्र समितियां बनाई जाएंगी, जिनका सक्रिय सदस्य वही हो सकेगा, जो छह महीने तक संघर्ष के कार्यकर्मों में लगातार हिस्सेदारी करता रहा हो या नेतृत्व करता रहा हो।

चन्दा:

जनतंत्र मोर्चे के सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे संघर्ष के कार्यक्रम चलाने के लिए नगद में चन्दा नहीं लेंगे यानि कैश ट्रांजेक्शन नहीं करेंगे। संघर्ष और आन्दोलन का ख़र्च चलाने के लिए सहयोग देने वाले व्यक्ति से सीधे पैसा, साधन देने वाले व्यक्ति या इकाई को दिला सकते हैं। दूसरे शब्दों में कैश ट्रांजेक्‍शन नहीं काइंड ट्रांजेक्शन की अपेक्षा की जाती है।

जनतंत्र मोर्चा एक ऐसे जनआंदोलन की शुरूआत है, जिसका सीधा सरोकार देश में सच्चे जनतंत्र की स्थापना, गांव को स्वशासित इकाई में बदलना और एक ऐसी राजनैतिक व्यवस्था की स्थापना करना, जिसमें संसद लोगों के प्रति सीधे तौर पर जवाबदेह हो और लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप चलाने वाली सरकार दे, ताकि गांव में न कोई भूखा रहे, न बेरोज़गार रहे, बल्कि सब मिलकर देश को दुनिया की सबसे शक्तिशाली ताक़त में बदल सकें. जनतंत्र मोर्चा देशभर में चल रहे आंदोलनों के बीच समन्वय की भी भूमिका निभाएगा.

अन्ना का प्रेस कांफ्रेस मुख्य बिंदू दिनांक : 21 मार्च 2013 स्थान : कांस्टिच्यूशन क्लब, दिल्ली

  • -जनतंत्र मोर्चा एक ऐसी व्यवस्था होगी, जो किसी पक्ष और पार्टी के साथ नहीं जु़डेगी. यह ना तो कोई चुनाव ल़डेगी ना ही सत्ता में जाएगी.
  • -आज संविधान का पालन सही ढंग से नहीं हो रहा है। जनतंत्र का अर्थ हर व्यक्ति के समझ में आना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। आज अधिकारीशाही है, लोकशाही कहां है। लोकशाही के निर्माण के लिए लोगों को जगाना जरूरी है।
  • -हम लोग शहीद भूमि जलियांवाला बाग से जनतंत्र यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। पहले फेज में यह यात्रा 18 दिनों की होगी जिसमें 34 जनसभाएं होंगी. इसके बाद सेकेंड फेज में हम तीन राज्यों का टूर करेंगे।
  • -लोक शिक्षा, लोक जागृति और लोक संगठन हमारा उद्देश्य रहेगा. देश में आस्था रखने वाले और जिनमें देश प्रेम की भावना है, ऐसे लोगों के संगठित होने का समय आ गया है।
  • -आज हम देख रहे हैं कि संसद में क्या चल रहा है। क्या इसके पीछे देश की सोच है या समाज की सोच है या गरीब पिछडे लोगों की सोच है। आज जो संसद में हंगामा मच रहा है, वो सब स्वार्थ के लिए हो रहा है। पक्ष और पार्टी में जो स्वार्थ ब़ढा है, उसके कारण संसद में हंगामा मच रहा है।
  • -हम एक ड़ेढ साल देश में घूमते रहेंगे और पूरे देश को जगांएगे. हमने जनतंत्र मोर्चा में एक शर्त रखी है कि इससे जु़डने वाले लोगों को किसी से भी पैसा नहीं लेना है। जनतंत्र मोर्चा में चरित्रवान लोगों की जरुरत है। ऐसे लोग जो देश की सेवा करना चाहते हैं, ऐसे लोगों को शामिल करना है। इसमें जो भी लोग शामिल होना चाहते हैं, उनका स्वागत है।
  • -जिसके जीवन में कोई दाग है या जिनका कोई स्वार्थ है, ऐसे लोगों से हमें दूर रहना है। हम देश की भलाई के लिए और देश की जनता की भलाई के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
  • -भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और उनके जैसे लाखों लोगों ने देश की आजादी के लिए बलिदान दिया, उनके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देना है। वो देश के लिए बलिदान हुए तो मेरे ऊपर उनका कुछ कर्ज है। एक दिन जरूर इस देश को हम बदलेंगे. अभी समय गया नहीं है, थो़डा समय लगेगा।
  • -केजरीवाल ने तीन दिन पहले मुझसे मुलाकात की थी। वह 23 तारीख से अनशन करने जा रहे हैं तो आशीर्वाद लेने आए थे।
  • -मेरे देश में घूमने से देश की 120 करोड जनता जागरूक होगी या नहीं, यह मुझे मालूम नहीं है। जनता में बहुत से लोग कुंभकर्ण बन कर सोए हैं। लेकिन मुझे विश्वास है कि डेढ साल जब हम घुमेंगे तो 6 करोड लागों को संगठित कर पाएंगे और जब 6 करोड़ लोग संगठित हो जाएंगे तो सरकार के गला दबाने से मुंह खुल जाएगा. जब 6 करोड लोग संगठित हो गए तो फिर से रामलीला मैदान होगा और देश की जनता तिरंगा लेकर रास्ते पर ख़डी होगी और नारे लगाएगी भारत माता की जय. देश की जनता कहेगी जनलोकपाल लाओ नहीं तो जाओ.
  • -जब तक शरीर में प्राण है, तब तक यह ल़डाई चलेगी. हमने निर्णय लिया है, जब तक जीना है, समाज के लिए और देश के लिए जीना है और मरना है, तो समाज और देश के लिए मरना है।
  • -महाराष्ट्र में हर जगह अकाल है लेकिन हमने जिस एरिया को डेवलप किया वहां अकाल नहीं है। भारत सरकार और राज्य सरकार को हम बोल रहे हैं कि आकर देखो, हमारे गांव में कि अकाल पर विजय कैसे पाई जा सकती है और इसका अनुकरण करो।
  • -युवा शक्ति एक राष्ट्रीय शक्ति है। और कॉलेज के युवकों में हर पार्टी ने पक्ष और विपक्ष बनाकर उनमें ल़डाई लगा दी है। सभी राजनीतिक दल एक तरफ यह बोलते हैं कि युवा शक्ति राष्ट्र-शक्ति है लेकिन उन्हें आपस में लड़ा देते हैं। इसलिए पक्ष और पार्टी की सरकार से हमें कोई उम्मीद नहीं है। हमें जनतंत्र मोर्चा के माध्यम से जनता को जगाना है।

- अन्ना हजारे