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चारुमति

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चारुमति
चारुमति विहार स्तूप
जीवनसंगीदेवपाल
पिताअशोक
माताअसंधिमित्रा

चारुमति (ब्राह्मी : 𑀘𑀸 𑀭𑀼𑀼 𑀫𑀓𑀻), जिन्हे चारुमित्र भी कहा जाता है, वो भारतीय मौर्य सम्राट अशोक और महारानी असंधिमित्रा की बेटी थी।[1][2] उनका विवाह काठमांडू में नेपाल के राजकुमार देवपाल क्षत्रिय से हुआ था।[3] उन्हें चाबहिल जिसे चारुमति विहार कहा जाता है, उसके मठ की स्थापना की, जो नेपाल के सबसे पुराने बौद्ध मठों में से एक है। उन्होंने जीवन के अंतिम वर्षों में अपने पिता की देखभाल की थी और उपगुप्त के बौद्ध तीर्थयात्रा पर उनके साथ गई थीं।

बौद्ध ग्रंथों में उनकी और सम्राट अशोक की नेपाल यात्रा का वर्णन किया गाया है, 2002 तक कोई पुरातात्विक प्रमाण नहीं मिला था।[4] किंतु 2003 में, ढांडो चैत्य को पुनर्स्थापित करते समय, खुदाई में पुरातत्वविदों ने उनके नाम के साथ एक मौर्यकालीन अभिलेख वाले ईंट की खोज की। ऊपरी हिस्से पर ब्राह्मी में "चारूवति" लिखा था और भुजीमोल लिपि में "चारूवति ढांडे....हेतू प्रभा" उत्कीर्ण है। ईंट का माप 35.5cm x 23 सेमी x 7 सेमी और वजन 8.6kg है।

  1. BJK Institute of Buddhist & Asian Studies (1996). Bauddha Adhyayana Kī Bhāratīya Patrika, Volume 8. Tara Book Agency. p. 74.
  2. Makhan Jha (1998). India and Nepal: Sacred Centres and Anthropological Researches. M.D. Publications. p. 193. ISBN 9788175330818.
  3. Dhanavajra Vajracharya, Licchavikalin Abhilekha, Kathmandu : Nepal Asiali Adyayan Sansthan, 2030 B.S. p-392
  4. Thingsasian

यह भी देखें

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