चकरी नृत्य

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लोक नृत्य राजस्थान का एक लोकप्रिय एवं पारंपारिक लोक नृत्य है जो कोटा बांरा हाड़ोती अंचल क्षेत्र की महिलाओं एवं पुरुषों द्वारा किया जाता है इस नृत्य को जब राज एंव महाराजा युद्ध जीत कर आते थे तब अपने युद्ध जीतने कि खुशी में बिजोरी कांजरी को बुलाकर चकरी नृत्य को करवाते थे खास विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं द्वारा अस्सी कली का घाघरा चोली पहनकर कर सोलह सिंगार कर गोल गोल चक्कर लगाती है मगर उन्हें चक्कर नहीं आते हैं इसलिए इस नृत्य को चकरी लोकनृत्य कहा जाता है और इस नृत्य में पुरुषों की अहम भूमिका रहती है जिसमें अपने वादक ढोलक मजीरा नगाड़ा आदि बजाकर उसकी धुन पर महिलाओं को नृत्य करवाते हैं इस नृत्य में खुशी का कोई भी पर्व को जैसे होली दीपावली शादी ब्याव संबंध सगाई आदि में किया जाता है ममता देवी एंड पार्टी राजस्थान के कलाकारों द्वारा परंपरागत से ही इस लोक नृत्य को किया जाता है

सन्दर्भ[संपादित करें]

श्रेणी:नृत्य

  1. कुंवर कनक, सिंह राव. DHAROHAR SAMANYA GYAN GUIDE BOOK 2022- KUNWAR KANAK SINGH RAO. प्रभात प्रकाशन. अभिगमन तिथि 29 नवंबर 2021.
  2. अमित, सिंह. RAJASTHAN POLICE CONSTABLE BHARTI PARIKSHA-2019-Competitive Exam Book 2021. प्रभात प्रकाशन. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2018.
  3. कुंवर कनक, सिंह राव. Dharohar Basic Computer Anudeshak Evem Varisth Computer Anudeshak (Hindi Edition). प्रभात प्रकाशन. अभिगमन तिथि 5 मार्च 2022.