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गुप्त भाषण

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"व्यक्तिवादी पन्थ और उसके परिणाम" (रूसी: «О культе личности и его последствиях», "O kul'te ličnosti i ego posledstviâx"), जिसे प्रायः "गुप्त भाषण" (रूसी: «Секретный Доклад Хрущёва», "Sekretnyj Doklad Xruŝëva") कहा जाता है, सोवियत संघ साम्यवादी दल की प्रथम सचिव, सोवियत नेता निकिता ख़्रुश्चेव की एक रिपोर्ट थी, जो 25 फ़रवरी 1956 को सोवियत संघ साम्यवादी दल की 20वीं कांग्रेस में प्रस्तुत की गई थी। निकिता ख़्रुश्चेव के भाषण में हाल ही में मरे महासचिव और प्रधान जोसेफ़ स्टालिन के शासन की तीव्र आलोचना थी, विशेष रूप से उन शुद्धिकरणों के सम्बन्ध में जो विशेष रूप से 1930 के दशक के अंतिम वर्षों को चिह्नित करते थे। निकिता ख़्रुश्चेव ने स्टालिन पर साम्यवाद के आदर्शों के प्रति समर्थन बनाए रखने के उपरान्त व्यक्तित्ववादी नेतृत्व-पन्थ को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। यह भाषण इज़रायली ख़ुफ़िया एजेंसी शिन बेत द्वारा पश्चिम में लीक किया गया था, जिसे यह पोलिश-यहूदी पत्रकार विक्टर ग्रेजेवस्की से प्राप्त हुआ था।