गुच्छ युद्धसामग्री
गुच्छ युद्धसामग्री (cluster munition) हवा से गिरायी गयी या जमीन से छोड़ी गयी विस्फोटक सामग्री को कहते हैं जिसमें से अनेकों छोटी-छोटी युद्धसामग्रियाँ निकलतीं हैं। प्रायः यह गुच्छ-बम (cluster bomb) होता है जो अनेकों विस्फोटक लघुबम छोड़ता है जो लोगों को मारने हैं और वाहनों को नष्ट करने के लिये डिजाइन किये गये होते हैं। किन्तु कुछ गुच्छ युद्धसामग्रियाँ अन्य कार्यों के लिये भी डिजाइन की जातीं हैं, जैसे- वायुपट्टी (रनवे) को नष्ट करने के लिये, विद्युत की ट्रान्समिशन लाइनों को नष्ट करने के लिये, रासायनिक या जैविक हथियारों को तितर-बितर करने के लिये, जमीनी-सुरंगों को तितर-बितर करने के लिये आदि।
क्लस्टर बम अपने आप में कई बमों का एक गुच्छा होता है. इसको लड़ाकू विमान, जमीन और पोत से दागा जा सकता है. क्लस्टर बम को बेहद खतरनाक माना जाता है. यह बम जिस इलाके में गिरता है, वहां जबरदस्त तबाही मचाता है. इस बम की चपेट में आने वाले इलाके में मौजूद लोगों की मौत हो जाती है या फिर वो गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. जब क्लस्टर बम को दागा जाता है और वह जमीन से 1000 मीटर से लेकर 100 मीटर की ऊंचाई पर होता है, तो बहुत बड़े इलाके को अपने दायरे में लेता है. जैसे ही क्लस्टर बम फटता है, तो उसके अंदर मौजूद बम एक बड़े इलाके में गिरने शुरू हो जाते हैं. क्लस्टर बम से निकलने वाले छोटे बम टारगेट के आसपास के इलाके को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इस बम से संघर्ष वाले इलाके के आसपास के आम नागरिकों की जान माल को भी काफी नुकसान होता है. इतना ही नहीं, क्लस्टर बम के अंदर से निकलने वाले छोटे-छोटे बम काफी लंबे समय तक जमीन में पड़े रहते हैं और कभी भी फट सकते हैं. दुनिया में सबसे पहले क्लस्टर बम का इस्तेमाल रूस और जर्मनी की सेना ने किया था. अब तक 200 प्रकार के क्लस्टर बम बनाए जा चुके हैं.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- तबाही का दूसरा नाम है क्लस्टर बम (बीबीसी हिन्दी)
- क्लस्टर बम के इस्तेमाल पर रोक लगे (संयुक्त राष्ट्रसंघ रेडियो)
- अरब गठबंधन ने यमन में किया क्लस्टर बमों का इस्तेमाल (हिन्दी स्पुतनिक)
- क्लस्टर बमों पर पाबंदी, संधि पर 100 देशों के हस्ताक्षर (डी डब्ल्यू वर्ल्ड)
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