खिलानि
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ऋग्वेद के उन ९८ 'अनाम' मंत्रों के समूह को खिलानि कहते हैं जो वाष्कल शाखा में विद्यमान हैं किन्तु शाकल शाखा में नहीं। ऐसा माना जाता है कि ये ऋग्वेद में बाद में जोड़े गये किन्तु फिर भी वैदिक संस्कृत के मंत्रकाल के हैं।
ऋग्वेद के उन ९८ 'अनाम' मंत्रों के समूह को खिलानि कहते हैं जो वाष्कल शाखा में विद्यमान हैं किन्तु शाकल शाखा में नहीं। ऐसा माना जाता है कि ये ऋग्वेद में बाद में जोड़े गये किन्तु फिर भी वैदिक संस्कृत के मंत्रकाल के हैं।