रैखिक बीजगणित में क्रैमर-नियम (Cramer's rule) रैखिक समीकरण निकाय का हल निकालने की एक प्रत्यक्ष विधि (direct method) है। यह विधि गुणांक मैट्रिक्स के डिटरमिनैण्ट तथा गुणांक मैट्रिक्स के एक परिवर्तित रूप के सारणिक के रूप में व्यक्त करती है। यह विधि तभी वैध है जब निकाय का अनन्य (यूनिक) हल सम्भव हो। इस नियम का नाम गैब्रिएल क्रैमर (Gabriel Cramer (1704–1752)) के नाम पर पड़ा है जिसने 1750 में इसे प्रतिपादित किया था।
माना का हल निकालना है जहाँ :
- इस निकाय का गुणांक मैट्रिक्स है ;
- इस निकाय में आये सभी अज्ञात राशियों का कॉलम वेक्टर है, तथा
- इस निकाय में आये चरविहीन पदों का कॉलम वेक्टर है। क्रैमर के नियम के अनुसार अज्ञात राशियों का मान निम्नलिखित सूत्र से प्राप्त किया जा सकता है:
जहाँ
- वह मैट्रिक्स है जो गुणांक मैट्रिक्स के j-वें कॉलम के स्थान पर कॉलम वेक्टर को रखने से प्राप्त होती है।
माना दो अज्ञात राशि से युक्त दो रैखिक समीकरण ये हैं:
इनका मैट्रिक्स निरूपण यह है:
क्रैमर का नियम लगाकर तथा का मान यह निकलता है:
इनको मैट्रिक्स रूप में लिखने पर:
क्रैमर नियम से x और y का मान यह है:
- 5
- 8
माना मैट्रिक्स रूप में निरूपित 3x3 रैखिक समीकरण निकाय यह है:
इसका हल यह है:
, , pueden ser encontradas como sigue:
मैट्रिक्स रूप में लिखने पर:
के मान ये होंगे:
मैट्रिक्स गुणन के गुण से,
अतः
इसलिए: