के॰ सरस्वती अम्मा
के॰ सरस्वती अम्मा | |
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जन्म | 14 अप्रैल 1919 |
मृत्यु | 26 दिसम्बर 1975 | (उम्र 56 वर्ष)
पेशा | नारीवादी लघुकथाकार |
भाषा | मलयालम और अंग्रेजी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
के॰ सरस्वती अम्मा (१४ अप्रैल १९१९ - २६ दिसंबर १९७५ [1] ) [1] एक मलयालम नारीवादी लेखिका थीं, जिनकी लघु कथाएँ कई अमेरिकी ग्रंथों में संकलित हैं।[2] उन्होंने मलयालम के अलावा अंग्रेजी में भी कहानियां लिखी थीं।
साहित्यिक जीवन
[संपादित करें]के॰ सरस्वती अम्मा ने १९३८ में प्रकाशित एक लघु कहानी के साथ मलयालम साहित्यिक परिदृश्य में अपनी प्रविष्टि दर्ज की, जिसके बाद उनकी लघु कथाओं के १२ संस्करण, एक उपन्यास, एक नाटक, और १९५८ में, एक पुस्तक प्रकाशित हुई, जिसका शीर्षक "पूरशनमरिलथा लोकम" था। [2]
अम्मा के उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद किया गया और उसे "स्टोरीज फ्रॉम ए फॉरगोटन फेमिनिस्ट" (Stories from a forgotten feminist) नाम के साथ प्रकाशित किया गया।[3][4] जेन्सी जेम्स प्रस्तावना में लिखती है, "कहानियों में उन्होंने पुरुषों के बारे में और प्रेम के बारे में महिलाओं के भ्रम को दूर किया, और पितृसत्ता और परंपरा पर कड़वा आक्षेप किया, जिससे उन्हें एक कठोर नारीवादी होने की ख्याति मिली।"[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ "Sarasvati Amma, Ke., 1919-1975". Library of Congress. Archived from the original on 22 फ़रवरी 2015. Retrieved 21 February 2015.
verso (K. Saraswathiyamma) p. 48 (born on April 14, 1919) p. 60 (died on December 26, 1975)
- ↑ अ आ Deepu Balan. "K. Saraswathiamma - sahithya Academy - Samyukta :: A Journal of Women's Studies". samyukta.info. Archived from the original on 2014-12-07.
- ↑ अ आ "Stories from a Forgotten Feminist, Jancy James (Introduction ) K Saraswaiti Amma - Shop Online for Books in Australia". fishpond.com.au. Archived from the original on 9 फ़रवरी 2019. Retrieved 7 फ़रवरी 2019.
- ↑ "Stories from a Forgotten Feminist: K. Saraswaiti Amma, Jancy James: 9788185107622: Amazon.com: Books". amazon.com.