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कुंदवई

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कुंदवई नौवीं और ग्यारहवीं शताब्दी के बीच दक्षिण भारत में कई शाही महिलाओं का एक ऐतिहासिक और लोकप्रिय नाम था। कुंदवई नाम से जानी जाने वाली कुछ महिलाएं इस प्रकार हैं:

  • कुंदवई, पश्चिमी गंगा राजा पृथ्वीपति प्रथम (८५३–८८० ईस्वी) की पुत्री थी, जिसका विवाह मल्लदेव के पुत्र और उत्तराधिकारी बाना राजकुमार विक्रमादित्य प्रथम से हुआ था।[1] उन्होंने तिरुवल्लम के शिव मंदिर को कई उपहार दिए।[2]
  • राजराजन कुंदवी अलवर, राजा राज चोल की बेटी और राजेंद्र चोल की छोटी बहन, पूर्वी चालुक्य राजा विमलादित्य की रानी और राजराजा नरेन्द्र की मां थीं।[3]
  1. Sailendra Nath Sen. Ancient Indian History and Civilization. New Age International, 1999. p. 470.
  2. M. S. Govindasamy. The Role of Feudatories in Pallava History. Annamalai University, 1965. p. 30.
  3. "South Indian Inscriptions, Volume I: Part II - Tamil and Grantha Inscriptions". What Is India News Service. 2007-02-23. अभिगमन तिथि: 2011-06-01. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "sii-1p2" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है