कास्त्रो एल्वेस
अन्तोनिऊ फ़्रेडरिक दी कास्त्रो एल्वेस (पुर्तगाली: Antônio Frederico de Castro Alves, 14 मार्च 1847 – 06 जुलाई 1871, ब्राजीली साम्राज्य के बाहिया राज्य के कुर्रालिन्हो ज़िले में जन्म) प्रसिद्ध ब्राजीली रोमाण्टिक कवि हैं, जो अपनी उन्मादी कविताओं के लिए साहित्य जगत में जाने गए। ब्राजीली साहित्य में रोमाण्टिसिज्म (1850-1880) के दौर में उसका एक उपभाग था — कॉण्डोरिज्म साहित्यिक आन्दोलन। कॉण्डोरिज्म के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक थे — कास्त्रो एल्वेस। कॉण्डोरिज्म शब्द कॉण्डर से बना है और कॉण्डर एक ऐसे बाजपक्षी को कहा जाता है, जो आकाश की सुदूर ऊँचाइयों में अकेले उड़ान भरता है और जिसकी नज़र इतनी तेज़ होती है कि वह बहुत दूर स्थित नन्ही चीज़ों को भी बड़ी आसानी से देख लेता है। कॉण्डोरिज्म साहित्यिक आन्दोलन में शामिल कवियों का मानना था कि उनके पास भी कॉण्डोर पक्षी की ये क्षमताएँ हैं और वे अपनी इन क्षमताओं का उपयोग जनता को न्याय और स्वतन्त्रता पाने के लिए शिक्षित करने में करते हैं। विक्टर ह्यूगो भी कॉण्डोरवादी लेखक थे, इसलिए कभी-कभी कॉण्डोरिज्म को ह्यूगोरिज्म भी कहा जाता है। कास्त्रो एल्विस को अपनी जोशीली और उन्मादी रचनाओं की वजह से ’ग़ुलामों का कवि’ की उपाधि देकर सम्मानित किया गया था। वे ब्राजीली साहित्य अकादमी के सातवें अध्यक्ष बने थे।
जीवन परिचय
[संपादित करें]कास्त्रो एल्वेस का जन्म कुर्रालिन्हो ज़िले के मुख्यालय कुर्रालिन्हो नगर में हुआ था। बाद में सन 1900 में कास्त्रो एल्विस के सम्मान में कुर्रालिन्हो नगर का नाम बदलकर कास्त्रो एल्विस रख दिया गया। आज यह नगर ब्राजील के बाहिया प्रदेश का एक प्रमुख नगर है। कास्त्रु अलविस के पिता अन्तोनिओ जोसे एल्विस चिकित्सक थे और माँ क्लेली ब्राजीलीआ दे सिल्वा कास्त्रो गृहिणी थीं। 1859 में जब कास्त्रो एल्विस सिर्फ़ 12 साल के थे, उनकी माँ का देहान्त हो गया। 1862 में स्कूल की शिक्षा समाप्त करके कास्त्रो एल्विस ने रेसिफ़ी विश्वविद्यालय के विधि संकाय (लॉ फ़ैकल्टी) में दाख़िला लेने की कोशिश की, लेकिन रेखागणित (ज्यामैट्री) की प्रवेश परीक्षा में असफल हो गए। 1864 में विश्वविद्यालय का छात्र बनने का उनका तीसरा प्रयास सफल रहा। इसी दौरान उन्होंने अपनी पहली कविता "Os Escravos" (गुलाम) लिखी। इसके तुरन्त बाद ही कास्त्रो एल्विस ने एक और कविता "A Cachoeira de Paulo Afonso" (पाउलो अफ़ोन्सो का झरना) लिखी। ये दोनों ही कविताएँ जल्दी ही तत्कालीन ब्राजीली युवावर्ग के बीच बेहद लोकप्रिय हो गईं। कास्त्रो एल्विस का व्यक्तित्त्व भी बेहद लुभावना और आकर्षक था। वे जीवन्त आँखों वाले ऊँचे क़द के सुडौल शरीर वाले ऐसे युवक थे, जिसके लम्बे-लम्बे बाल थे और जिसकी आवाज़ बेहद प्रभावशाली और गम्भीर थी।
1866 में कास्त्रो एल्वेस के पिता का भी देहान्त हो गया। उनके भाई जोसे अवसादग्रस्त रहा करते थे। एक दिन अवसाद की अवस्था में ही उन्होंने आत्महत्या कर ली। लेकिन एल्वेस ने हिम्मत नहीं हारी। वे गुलामों और दासों की जीवन-स्थितियों को सुधारने और गुलामी व्यवस्था के उन्मूलन के सामाजिक काम में सक्रिय रहे और उन्होंने अपने मित्र और सहयोगी रॉय बरबोसा के साथ मिलकर दासप्रथा उन्मूलन समाज की स्थापना की। उन्हीं दिनों उनका परिचय पुर्तगाली अभिनेत्री एउजेनिया कामेरा से हुआ और दोनों के बीच प्रेम शुरू हो गया। 1867 में वे कामेरा के साथ वापिस बाहिया लौट आए। यहाँ आकर उन्होंने Gonzaga, ou A Revolução de Minas, (गोनज़ागा या मेरी क्रान्ति) नामक एक नाटक लिखा, जो पुर्नतगाली मूल के ब्राजीलियाई नव-शास्त्रीय कवि तोमस अन्तोनिओ गोनज़ागा के जीवन और कार्यों को समर्पित था। बाहिया के स्थानीय नाट्य-थियेटर में इस नाटक का प्रदर्शन हुआ जो बेहद सफल रहा। जनवरी से मार्च 1868 तक कास्त्रो एल्वेस अपनी पत्नी के साथ रियो दे जेनेरा में थे। यहाँ उनकी मुलाक़ात ब्राजीली लेखक और राजनीतिज्ञ जोसे मार्तिनिआनो दे अलंकार से हुई। रियो दे जेनेरा से दोनों पति-पत्नि सान पाउलो आ गए, जहाँ कास्त्रो एल्वेस को स्थानीय विश्वविद्यालय के विधि संकाय के तीसरे वर्ष में प्रवेश मिल गया। सान पाउलो में कास्त्रो एल्वेस कवि के रूप में बेहद लोकप्रिय हो गए। 1868 में उनकी पत्नी एउजेनिया कामेरा ने उन्हें तलाक़ दे दिया। पत्नी से हुए इस अलगाव ने उन्हें बेहद व्यथित किया और वे उस्दास रहने लगे।
11 नवम्बर 1868 के दिन वे शिकार खेलने गए थे, तभी एक गोली भटककर उनके बाएँ पैर में आ लगी और वे बुरी तरह से घायल हो गए। घाव में गैंगरीन हो जाने के कारण बाद में उन्हें अपना बायाँ पैर कटवाना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लकड़ी का नक़ली पैर लगवा लिया। इस तरह वे छड़ी के सहारे घूम-फिर सकते थे। 1869 में सान पाउलो में उन्हें तपेदिक हो गई। 1870 का पूरा साल उन्होंने बाहिया में ही गुज़ारा और वे तपेदिक का इलाज कराते रहे। इसी दौरान उन्होंने "Espumas flutuantes" (तैरता हुआ झाग) नामक अपना कविता-संग्रह तैयार करके उसे प्रकाशित कराया। यह कास्त्रो एल्वेस की अकेली ऐसी कृति है, जो उनके जीवनकाल में प्रकाशित हुई। उनकी बाक़ी सभी किताबें उनके अवसान के बाद ही प्रकाशित हुईं।
उनकी कविता को आलोचक मानवतावादी कविता मानते हैं, जो सामाजिक विषयों पर केन्द्रित रही। वे सारा जीवन दासप्रथा के ख़िलाफ़ लड़ते रहे। उनकी ज़्यादातर कविताएँ मनुष्य द्वारा मनुष्य की ख़रीद-फ़रोख़्त और मानव को गुलाम बनाकर रखने की प्रवृत्ति के ख़िलाफ़ हैं। उनके द्वारा चलाए गए ग़ुलामी उन्मूलन आन्दोलन के परिणामस्वरूप ही 1871 में ब्राजील में दासप्रथा और बाल-दासप्रथा के ख़िलाफ़ कानून बना। उन्होंने ऐतिहासिक विषयों पर भी क़लम चलाई। वे पहले ब्राजीली साहित्य अकादमी के सदस्य बने और फिर उन्हें उसका सातवाँ अध्यक्ष चुना गया। लेकिन तपेदिक का ज़ोर बढ़ता गया और 06 जुलाई 1871 को 24 वर्ष की छोटी-सी उम्र में उनका देहान्त हो गया।
उनके देहान्त के बाद उनकी लोकप्रियता बड़ी तेज़ी से बढ़ी। सन 1900 में उनके जन्मनगर कुर्रालिन्हो का नाम बदलकर कास्त्रो एल्विस रख दिया गया। उनके बारे में बहुत-सी किताबें लिखी जा चुकई हैं। उनपर बहुत से शोध किए जा चुके हैं। पुर्तगाली भाषा में उनके ऊपर दो फ़िल्में भी बनाई जा चुकी हैं, जिनके नाम हैं — ’Vendaval Maravilhoso’ (1949) यानी शानदार आन्धी और ’Castro Alves - Retrato Falado do Poeta’ (1999) यानी कास्त्रो एल्वेस - कवि की वाच्य छवि ('Castro Alves - Spoken Portrait of the Poet' (1999)। उन्हें ब्राजील का महानतम कवि माना जाता है।
रचनाएँ
[संपादित करें]- 1870 तैरता हुआ झाग (Espumas Flutuantes)
- 1875 गोनज़ागो या मेरी क्रान्ति (Gonzaga ou a Revolução de Minas)
- 1876 पाउलो अफ़ोन्सो का झरना (Cachoeira de Paulo Afonso)
- 1880 अफ़्रीका की आवाज़ (Vozes D'África)
- 1880 नीग्रो लोगों का जलयान (O Navio Negreiro)
- 1883 ग़ुलाम (Os escravos)
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]https://web.archive.org/web/20170209055245/http://www.imdb.com/title/tt0042018/
सन्दर्भ
[संपादित करें]https://web.archive.org/web/20190402011906/https://en.wikipedia.org/wiki/Castro_Alves
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Castro Alves' biography at the official site of the Brazilian Academy of Letters (in Portuguese)
- Works by or about Castro Alves at Internet Archive
- Works by Castro Alves at LibriVox (public domain audiobooks)