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करवा

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करवा या करक मिट्टी का लोटा या कलशनुमा पात्र होता है। इसका प्रयोग करवा चौथ और अहोई अष्टमी नामक त्यौहारों में अर्घ्य देने के लिए किया जाता है।

इस करक या करवा पात्र को श्री गणेश का स्वरूप मानते हैं। करक के दान से सुख, सौभाग्य (सुहाग), अचल लक्ष्मी एवं पुत्र की प्राप्ति होती है, ऐसा शास्त्र सम्मत है। ऐसी भी मान्यता व अटूट विश्वास है कि करक दान से सब मनोरथों की प्राप्ति होती है।[1]

सन्दर्भ

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  1. श्री करक चतुर्थी व्रत पूजन विधान Archived 2016-03-05 at the वेबैक मशीन। करवा चौथ पूजा। ब्लॉगस्पॉट।(हिन्दी)। स्व.कुसुम श्रीवास्तव

बाहरी कड़ियाँ

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