ओलेस गोनचार

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ओलेस गोनचार (यूक्रेनी भाषा : Олесь Гончар ; ३ अप्रैल १९१८ - १२ दिसम्बर १९९५)- प्रसिद्ध उक्रेनी एवं सोवियत लेखक। उन्होने सोवियत समाज में यूक्रेनी संस्कृति के पुनः स्थापना के लिये संघर्ष भी किया।

इनके अनके उपन्यासों में द्वितीय महायुद्ध का वर्णन मिलता है। 'आल्प्स' (१९४७), 'नीला डेन्यूब' (१९४६) और 'स्वर्ण प्राग' (१९४८) उपन्यासों में उन देशवासियों के जीवन का चित्रण किया गया है जिन्हें द्वितीय महायुद्ध में सोवियत सेना ने फासिस्ट जर्मनी से आजाद किया था। 'धरती गूँजती है' उपन्यास में (१९४७) विगत युद्ध के उक्रेनी छापामारों की जिंदगी का चित्र मिलता है। 'पेरेकोप' उपन्यास में (१९५७) १९१९-२० सालों की उक्रेन में हुई घटनाओं का वर्णन है। 'त्व्राया' उपन्यास में पूँजीवादी दुनिया में एक मेहनतकश की जिंदगी और संघर्ष की कहानी है। गोनचार के दो कहानी संग्रह भी प्रकाशित हैं।