एडिपिक अम्ल
एडिपिक अम्ल (adipic acid) अथवा हेक्सेनडायोइक अम्ल (hexanedioic acid) कार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (CH2)4(COOH)2 है। औद्योगिक परिपेक्ष्य से यह सबसे महत्त्वपूर्ण डाइकार्बोक्सिलिक अम्ल है: प्रतिवर्ष इसका 2.5 अरब किलोग्राम श्वेत क्रिस्टलीय पाउडर निर्मित किया जाता है। इसका औद्योगिक निर्माण मुख्य रूप से नायलॉन के उत्पादन के लिए किया जाता है। एडिपिक अम्ल प्रकृति में बहुत ही कम मात्रा में पाया जाता है,[1] लेकिन इसे खाद्य योगज यूरोपीय संख्या ई355 से जाना जाता है। एडिपिक अम्लों के लवण और एस्टर एडिपिक्स के नाम से जाने जाते हैं।
निर्माण और अभिक्रियाशीलता
[संपादित करें]एडिपिक अम्ल का निर्माण साइक्लोहेक्सानोन और साइक्लोहेक्सानोल के मिश्रण के ऑक्सीकरण से किया जाता है, जिसे कीटोन-अल्कोहल तेल अथवा लघुरूप में केए तेल कहा जाता है। अभिक्रिया में पहले साइक्लोहेक्सानोल कीटोन में बदल जाता है और नाइट्रस अम्ल बनता है:
- HOCH(CH2)5 + HNO3 → O=C(CH2)5 + HNO2 + H2O
इसके बाद साइक्लोहेक्सानोन का नाइट्रोसटेड (नाइट्रोसो यौगिक के निर्माण की प्रक्रिया) होता है और इस तरह कार्बन-कार्बन आबंद (C-C) टूट जाता है:
- HNO2 + HNO3 → [NO+][NO3]− + H2O
- O=C(CH2)5 + NO+ → O=C(CHNO)(CH2)4 + H+
इस प्रक्रिया के अन्य उत्पादों में ग्लूटारिक और सक्सीनिक अम्ल शामिल हैं। नाइट्रोस ऑक्साइड की मात्रा एडिपिक अम्लों के मोल के बराबर होती है।[2][1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ Musser, M. T. (2005). "Adipic Acid". Ullmann's Encyclopedia of Industrial Chemistry. Weinheim: Wiley-VCH. डीओआई:10.1002/14356007.a01_269. ISBN 3527306730.
- ↑ Parmon, V. N.; Panov, G. I.; Uriarte, A.; Noskov, A. S. (2005). "Nitrous oxide in oxidation chemistry and catalysis application and production". Catalysis Today. 100 (2005): 115–131. डीओआई:10.1016/j.cattod.2004.12.012.