एंटी-कैंसर अणु
एंटी-कैंसर अणुओं की खोज की गयी है।
परिचय
[संपादित करें]राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी), भोपाल मध्यप्रदेश ने 7 दिसम्बर 2015 को एंटी-कैंसर मॉलीक्यूल की खोज की घोषणा की।
संस्थान की ओर इस खोज की पुष्टि विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष त्रिवेदी और विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर डॉ॰ सी. कार्तिकेयन ने की।
डॉ॰ सी. कार्तिकेयन ने कनाडा के तीन अन्य रिसर्च स्कॉलर्स के साथ मिलकर 10 वर्षों में इस खोज को पूरा किया है। खोजे गए इस नए मॉलीक्यूल का संक्षिप्त नाम सीटीआर-17 और सीटीआर-20 है।
उक्त अणु ट्यूब्यूलिन नामक प्रोटीन को बढ़ने से रोकता है। विदित हो यह प्रोटीन कोशिका विभाजन की क्रिया में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसको नियंत्रित करके कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है।
विस्तार
[संपादित करें]- यह अणु केवल कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करता है।
- यह अणु शरीर के अन्य महत्वपूर्ण कोशिकाओं को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है।
- इस खोज में 22 अतिरिक्त मॉलीक्यूल खोजे गए है जो आगे चलकर कैंसर के उपचार में मददगार साबित होंगे।
- इस अणु का पूर्व नैदानिक परीक्षण कनाडा में आयोजित किया गया।
- यह परीक्षण कनाडा में जानवरों (चूहों) पर किया गया।
- उक्त मॉलीक्यूल ने कैंसर के उपचार के प्रयोग की जाने वाली दवा पैक्लीटेक्सल भी और अच्छे परिणाम दिए हैं।
विदित हो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक वर्ष कैंसर से लगभग 500000 लोगों की मृत्यु होती है।