इलेक्ट्रो होम्योपैथी

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इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक वनस्पतियों पर आधारित चिकित्सा विज्ञान है। भारत में यह एक गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सा पद्धति है , इलेक्ट्रो होम्योपैथी के किसी भी शैक्षणिक संस्थान और संचालित पाठ्यक्रमों को भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय / शिक्षा मंत्रालय ने मान्यता नहीं देता है .

इलेक्ट्रो होम्योपैथी औषधियों का निर्माण सत्र 1865 में इटली में डॉ.काउंट सीज़र मेटी जी ने किया था ! डॉ. कॉउंट सीजर मेटी जी ने एक सिद्धांत बताया जो है।

【Lymph and Blood is Health and Wealth 】

( Vitiation Of Lymph and Blood is Cause of Disease )

यानि कि रोग का कारण रक्त और रस का दूषित होना ही है।

अतः इन्होंने रक्त और रस को शुद्ध करने के लिए केवल पेड़ पौधों द्वारा ही औषधियों निर्माण किया। उन्होंने ये औषधियां पोधों के स्पेजरिक एसेंस निकालकर बनाई थी। इनका मानना था कि  ! ( Cohobation Method )

कोहोबेसन बिधि से बनाई हुई औषधियों की आदि शक्ति नष्ट नहीं होती और यह आदि शक्ति ( Old Force ) शरीर के रोगों को बहुत जल्दी ठीक कर देती है।इसलिये इलेक्ट्रो होम्योपैथिक औषधियाँ आधुनिक मानव समाज के लिये अमृत के समान है ।