इण्डियन ओवरसीज़ बैंक

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इण्डियन ओवरसीज़ बैंक का प्र्तिक

इण्डियन ओवरसीज़ बैंक भारत का एक बैंक है। यह बैंक बैंकिंग, बीमा और उद्योग में एक अगुआ बैंक हैं और फोरेक्स कारोबार तथा विदेशी बैंकिंग की विशिष्ट सेवाएं प्रदान करता हैं। इस बैंक की २०१८ शाखाएँ भारत में तथा ६ शाखाएँ विदेश में हैं। इस बैंक की 875 एटीएम का विस्तृत नेटवर्क है।

इतिहास[संपादित करें]

शुरुआत[संपादित करें]

इण्डियन औवरसीज़ बैंक (आइओबी) की स्थापना 10 फ़रवरी 1937 को श्री एम.सीटीएम.चिदंबरम चेट्टियार ने की जो बैंकिंग, बीमा व उद्योग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी थे। बैंक की स्थापना उन्होंने दो उद्देश्यों से की थी - विदेशी विनिमय व्यवसाय तथा विदेशी बैंकिंग में विशिष्टता।

आइओबी की यह एक अनोखी विशेषता थी कि 10 फ़रवरी 1937 (उद्घाटन दिवस को ही) को एक साथ 3 शाखाओं में व्यवसाय की शुरुआत की गई - भारत में कारैक्कुडि व चेन्नै में तथा बर्मा मेंरंगून ने जहाँ दूसरी शाखा पेनांग में खुली। स्वतंत्रता के समय आइओबी की भारत में 38 शाखाएँ तथा विदेश में 7 शाखाएँ थीं। उस समय जमा रकम रु.3.23 करोड़ थी।

पूर्व राष्ट्रीयकरण युग (1947-69)[संपादित करें]

इस अवधि के दौरान, आइओबी ने अपने देशी गतिविधियों का विस्तार किया तथा अपने अन्तरराष्ट्रीय बैंकिंग परिचालन को बढ़ाया। बैंक ने एक प्रशिक्षण केद्र स्थापित किया जो विकसित होकर चेन्नै में स्टाफ़ काॅलेज बना। इसके अतिरिक्त देश में 9 स्टाफ़ प्रशिक्षण केंद्र हैं। आइओबी उपभोक्ता ऋण शुरु करनेवाला पहला बैंक था। बैंक ने लोकप्रिय वैयक्तिक ऋण योजना शुरु की 1964 में, अंतर-शाखा लेखा समाधान के क्षेत्रों में कंप्यूटरीकरण की शुरुआत की 1968 में। कृषकों की आवश्यकताओं को विशेष रूप से पूरा करने के लिए आइओबी ने एक संपूर्ण विभाग की स्थापना की। राष्ट्रीयकरण (1969) के समय आइओबी 14 बड़े बैंकों में एक था जो 1969 में राष्ट्रीयकृत हुआ। 1969 में राष्ट्रीयकरण के समय, आइओबी की भारत में 195 शाखाएँ तथा कुल जमा राशि रु.44.90 करोड़ थी।

उत्तर-राष्ट्रीयकरण युग (1969-1992)[संपादित करें]

1973 में, आइओबी को अपनी पाँच मलेशियाई शाखाओं को बंद करना पड़ा था, क्योंकि मलेशिया का बैंकिंग कानून सरकारी बैंकों का निषेध करता है। इसके फलस्वरूप युनाइटेड एशियन बैंक बरहद का निर्माण किया गया जिसमें आइओबी की 16.6% हिस्सा है। इसी वर्ष भारत में भारत ओवरसीज़ बैंक लि. बना जिसमें थाइलेंड में स्थित बैंकाक शाखा की 30% इक्विटी भागीदारी थी।

1977 में, आइओबी ने सियोल में अपनी शाखा खोली तथा 1979 में बैंक ने कोलंबो में विदेशी मुद्रा बैंकिंग यूनिट खोला।

बैंक ने 3 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों - पुरी ग्राम्य बैंक, पांडियन ग्राम बैंक तथा ढेंकानाल ग्राम्य बैंक को प्रायोजित किया।

अपना साफ़्टवेयर पैकेज विकसित करने तथा इस क्षेत्र में स्टाफ़ सदस्यों को प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए बैंक के अलग से कंप्यूटर नीति व प्रायोजना विभाग (सीपीपीडी) की स्थापना की।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]