आसुत जल

आसुत जल वह जल है जिसकी अनेक अशुद्धियों को आसवन के माध्यम से हटा दिया गया हो। आसवन में पानी को उबालकर उसकी भाप को एक साफ़ कंटेनर में संघनित किया जाता है। यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है क्योंकि इसमें जीवन के लिए आवश्यक लवण अनुपस्थित होते हैं। इसका उपयोग चिकित्सीय कार्यों जैसे दवाइयाँ बनाने , शल्य उपकरणो आदि को धोने में किया जाता हैं।
इतिहास
[संपादित करें]कम से कम ca. 200 ईस्वी से समुद्र के पानी से ताजा पानी को आसुत किया जा रहा है जब एफ़्रोडिसिएस के अलेक्जेंडर ने स्पष्ट रूप से प्रक्रिया का वर्णन किया था।[1] इसका इतिहास इससे भी पुराना है, अरस्तू के मेटियोरोलोजिका (II.3, 358b16) के एक अनुच्छेद में पानी के आसवन का वर्णन आता है।[2]
अनुप्रयोग
[संपादित करें]- रासायनिक और जैविक प्रयोगशालाओं व उद्योग में आसुत पानी के सस्ते विकल्प जैसे विआयनीकृत पानी को अधिक पसंद किया जाता है।
- हालांकि विकल्प पर्याप्त शुद्ध न होने पर आसुत जल का प्रयोग किया जाता है। जहां कहीं अत्यधिक शुद्ध पानी की आवश्यकता होती है वहां दोहरा आसुत जल प्रयोग किया जाता है।
- आसुत जल का इस्तेमाल कारों और ट्रकों में इस्तेमाल की जाने वाली लेड एसिड बैटरियों के ऊपर भी आमतौर पर किया जाता है।
- नल के पानी में आमतौर पर पाए जाने वाले अन्य आयनों के कारण ऑटोमोबाइल की बैटरी जल्द ही खराब हो सकती है।
- मोटर वाहन शीतलन प्रणाली में नल के पानी की जगह आसुत पानी का इस्तेमाल बेहतर है। आमतौर पर नल के पानी में पाए जाने वाले खनिज और आयन इंजन के आंतरिक हिस्सों के लिए क्षयकारी हो सकते हैं जिससे अधिकतर जमावविरोधी मिश्रणों में पाए जाने वाले संक्षारण-विरोधी योज्यों का तेज़ी से ह्रास हो सकता है।[3]
- मॉडल भाप इंजन बॉयलर और अन्य प्रकार के मॉडल इंजन में भी नल के पानी की जगह आसुत जल का उपयोग बेहतर होता है।[उद्धरण चाहिए] मॉडल बॉयलरों में लंबी अवधि तक नल के पानी का उपयोग करने पर इससे उत्पन्न खनिज बॉयलर की क्षमता को गंभीर रूप से कम कर सकते हैं। इस तरह से निर्मित खनिजों को बायलर शल्क के रूप में जाना जाता है।
- कपड़ों की इस्तिरी के लिए प्रयुक्त भाप की इस्तिरी में आसुत पानी के प्रयोग से खनिज का निर्माण कम होगा और इस्तिरी ज़्यादा टिकाऊ होगी। हालांकि अनेक इस्तिरी निर्माता कहते हैं कि उनकी इस्तिरी में आसुत जल की अब कोई आवश्यकता नहीं है।[4]
- कुछ लोग घर के मछलीघर के लिए आसुत पानी का उपयोग करते हैं क्योंकि इसमें नल के पानी में पाए जाने वाले रसायनों का अभाव होता है। यह महत्वपूर्ण है कि मछलीपालन के लिए प्रयुक्त आसुत पानी को अनुपोषित किया जाए क्योंकि जलजीवालय की पारिस्थितिकी व्यवस्था के लिए उचित गुणधर्म को बनाए रखने के लिए यह आवश्यकता से अधिक शुद्ध होता है।[5]
- सिगार आर्द्रक में प्रयोग के लिए भी आसुत जल एक आवश्यक घटक है। नल के पानी (बोतलबंद पानी सहित) के उपयोग से उत्पन्न खनिज-निर्माण आर्द्रक के प्रभाव को कम करते हैं।
- इसके अलावा, घरों में मदिरा बनाने वाले वे लोग जो पारंपरिक यूरोपीय पिल्सनर बनाने में रुचि रखते हैं, पिल्सन के मृदु पानी का प्रतिरूप बनाने के लिए भारी पानी में आसुत जल को मिला देते हैं।[6]
- इसका अन्य अनुप्रयोग टेकऑफ़ के दौरान हवाई जहाज के इंजन को ठंडा करने के लिए हैं जैसा कि प्रारंभिक बोइंग 707 में इस्तेमाल किया जाता था।[7]
- आसुत जल का अनवरत सकारात्मक वायुवाहिका दबाव (CPAP) मशीनों में भी उपयोग किया जाता है। इन मशीनों का उपयोग निद्रा के दौरान सांस लेने में मदद करने के लिए अश्वसन रोग से पीड़ित लोगों द्वारा किया जाता है।
- पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है और उपयोगकर्ता के मुंह में जाने वाली हवा को नम करता है। जब CPAP मशीन का आर्द्रक पानी का वाष्पीकरण करता है तो आसुत जल किसी प्रकार के संदूषक नहीं छोड़ता.[उद्धरण चाहिए]
जल आसवित करने के लिए उपकरण
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दुनिया भर में अनेक लोग या तो सूर्य या एक दहनशील ईंधन के स्रोत की गर्मी से पेय जल को आसवित करते आ रहे हैं।
द्वितीय विश्व युद्ध के समय तक, समुद्र के पानी को आसवित कर ताज़ा पानी बनाने में काफ़ी समय लगता था और ईंधन भी महंगा था। कहावत थी "एक गैलन ताज़ा पानी बनाने के लिए एक गैलन ईंधन चाहिए." युद्ध से थोड़ा पहले, एक डॉ॰ आर.वी. क्लाइनश्मित स्टिल ने समुद्र के पानी या दूषित पानी से ताजा पानी निकालने के लिए संपीड़न स्टिल बनाया जो क्लाइनश्मित स्टिल के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उबलते पानी से उत्पन्न भाप को संपीड़ित कर प्रति गैलन ईंधन से 175 गैलन ताजा पानी निकाला जा सकता था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह यूनिट मित्र जहाज़ों और सेनाओं के ट्रेलर माउन्ट्स पर एक मानक बन गई। आज भी जहाजों और पोर्टेबल जल आसवन इकाइयों में इस विधि का व्यापक प्रयोग होता है।[8]
सौर जल आसवक से जल का आसवन और सस्ती सामग्री के साथ डिजाइन करना और निर्माण करना अपेक्षाकृत सरल होगा। [9]
आसवित पानी का सेवन
[संपादित करें]आसवित पानी पीना एक आम बात है। पेय की शुद्धता और स्वाद को सुनिश्चित करने के लिए कई पेय निर्माता आसुत पानी का उपयोग करते हैं। आसुत जल बोतलबंद रूप में भी बेचा जाता है और आमतौर पर सुपरमार्केट या फ़ार्मेसियों में पाया जाता है। आसवन की तरह पानी का शुद्धिकरण उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहां जल संसाधन या नल का पानी उबाले बगैर या रासायनिक उपचार के बिना पीने योग्य नहीं होता।
कई घरों में जल निस्पंदन उपकरण का होना एक आम सी बात है। नगर निगम जल आपूर्ति अक्सर उस स्तर की अशुद्धियां मिलाते या पता लगाते हैं जिन्हें खपत के लिए सुरक्षित विनियमित किया गया है। वाष्पशील कार्बनिक यौगिक, फ़्लोराइड और कुछ अन्य रासायनिक यौगिकों जैसी बहुत सी अतिरिक्त अशुद्धियां परंपरागत निस्पंदन से दूर नहीं होती, आसवन इनमें से कुछ अशुद्धियों को दूर कर देता है।
शुष्क समुद्र तटीय क्षेत्रों में जहां पर्याप्त ताज़ा पानी नहीं होता, वहां समुद्री पानी को आसवित कर आसुत जल को पीने के पानी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।[10]
जहाज़ों, खासकर परमाणु संचालित पोतों पर आसुत जल काफ़ी आम है। पानी उबालने के लिए आवश्यक विलवणीकरण संयंत्रों में पीने के पानी का उत्पादन किया जाता है।
स्वास्थ्यपरक मुद्दा
[संपादित करें]स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आसुत जल पीने की वकालत भी की गई है और हतोत्साहित भी किया गया है। स्वाभाविक रूप से जल में उपस्थित खनिजों का आसुत जल में अभाव होने पर कुछ चिंता व्यक्त की गई है। जर्नल ऑफ़ जनरल इंटर्नल मेडिसिन[11] ने अमेरिका में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के जल में खनिज सामग्री पर एक अध्ययन प्रकाशित किया है। अध्ययन से निष्कर्ष निकला है
Drinking water sources available to North Americans may contain high levels of Ca2+, Mg2+, and Na+ and may provide clinically important portions of the recommended dietary intake of these minerals. Physicians should encourage patients to check the mineral content of their drinking water, whether tap or bottled, and choose water most appropriate for their needs.
अक्सर देखा गया है कि "कठोर" पानी या जिस पानी में कुछ खनिज हों उसके प्रयोग का हृदय पर लाभकारी प्रभाव माना जाता है। जैसाकि अमेरिकन जर्नल ऑफ़ एपिडेमिऑलोजी में कहा गया है, कठोर पानी के सेवन का एथरोस्क्लेरॉटिक ह्रदय रोग से कोई संबंध नहीं है।[12] चूंकि आसुत पानी खनिजों से मुक्त होता है तो उससे ये संभावित लाभ नहीं होंगे।
जबकि स्वास्थ्य के कारण अधिकाधिक लोग फ़्लोराइड-मुक्त पानी पसंद करते हैं फिर भी कईयों का कहना है कि-क्योंकि आसुत जल में फ़्लोराइड आयन का अभाव होता है, दांतों की सड़न को रोकने के इसके गुण के कारण जल उपचार संयंत्र में फ़्लोराइडकरण का प्रयोग कर कई सरकारें (जैसे संयुक्त राज्य में नगर पालिकाएं) इसे डालती हैं-आसुत जल में इस तत्त्व की कमी के कारण उसके सेवन से दांत क्षय का जोखिम बढ़ जाएगा.[13] बेशक टूथपेस्ट और फ़्लोराइड चिकित्सा से केवल फ़्लोराइड को भी दांतों पर लगाया जा सकता है।[14]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- वायुमंडलीय पानी जनरेटर (हवा से आसवित पानी बनाएं)
- विआयनीकृत पानी
- विलवणीकरण
- भारी पानी
- शुद्ध किया हुआ पानी
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Taylor, F. Sherwood (1945). "The Evolution of the Still". Annals of Science. 5 (3): 186. doi:10.1080/00033794500201451. ISSN 0003-3790.
- ↑ Aristotle. "Meteorology - Book II". The University of Adelaide. Archived from the original (PDF) on 26 अप्रैल 2010. Retrieved 2010-06-14.
- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived from the original (PDF) on 1 जुलाई 2010. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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(help) - ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 29 नवंबर 2011. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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(help) - ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived (PDF) from the original on 11 अप्रैल 2009. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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(help) - ↑ उदाहरण के लिए जॉन पाल्मर की बाइकार्बोनेट्स पर चर्चा को यहां देखें: http://www.howtobrew.com/section3/chapter15-1.html Archived 2009-10-05 at the वेबैक मशीन
- ↑ Down the Susquehanna to the Chesapeake जॉन एच. ब्रबेकर द्वारा, जैक ब्रबेकर पृष्ठ 163
- ↑ "Navy's Compression Still Makes Fresh Water Cheap", February 1946, Popular Science
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 19 अगस्त 2009. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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(help) - ↑ "The City Of Baku". दि न्यू यॉर्क टाइम्स. 1900-10-28. Archived from the original on 4 जून 2011. Retrieved 2010-05-01.
- ↑ Azoulay, Arik; Garzon, Philippe; Eisenberg, Mark (2001). "Comparison of the Mineral Content of Tap Water and Bottled Waters". Journal of General Internal Medicine. Vol. 16, no. 3. pp. 168–175. doi:10.1111/j.1525-1497.2001.04189.x.
- ↑ Voors, A. W. (1971). "Mineral in the municipal water and atherosclerotic heart death". American Journal of Epidemiology. Vol. 93, no. 4. pp. 259–266. PMID 5550342. Archived from the original on 12 अक्तूबर 2007. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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(help) - ↑ "Bottled Water Cited as Contributing to Cavity Comeback at MedPage Today". Archived from the original on 31 मई 2008. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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(help) - ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 8 फ़रवरी 2007. Retrieved 23 दिसंबर 2010.
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