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गणित में, कई चरों के किसी फलन का आंशिक अवकलज उस फलन में आये हुए अन्य चरों को अपरिवर्ती मानते हुए तथा केवल किसी एक चर को परिवर्ती मानते हुए उसके सापेक्ष उस फलन के अवकलज के बराबर होता है। कोई फलन f (x , y , ...), x, y, z आदि का फलन हो तो x के सापेक्ष उसका आंशिक अवकलज निकालने के लिये केवल x को परिवर्ती मानते हुए तथा y z आदि को अपरिवर्ती मानते हुए निकाला जायेगा। उदाहरण के लिये x2 y3 का x के सापेक्ष आंशिक अवकलज 2xy3 होगा। किसी फलन f का आंशिक अवकलज विभिन्न संकेतों के द्वारा निरूपित किया जाता है जो निम्नलिखित हैं-
f
x
′
,
f
x
,
∂
x
f
,
∂
∂
x
f
,
or
∂
f
∂
x
.
{\displaystyle f_{x}^{\prime },\ f_{x},\ \partial _{x}f,{\frac {\partial }{\partial x}}f,{\text{ or }}{\frac {\partial f}{\partial x}}.}
शंकु का आयतन उसकी ऊँचाई एवं उसके आधार की त्रिज्या पर निर्भर करता है।
V
(
r
,
h
)
=
r
2
h
π
3
{\displaystyle V(r,h)={\frac {r^{2}h\pi }{3}}}
V का आंशिक अवकलज r और h के सापेक्ष निम्नलिखित होगा-
∂
V
∂
r
(
r
,
h
)
=
2
r
h
π
3
,
∂
V
∂
h
(
r
,
h
)
=
r
2
π
3
{\displaystyle {\frac {\partial V}{\partial r}}(r,h)={\frac {2rh\pi }{3}},\qquad {\frac {\partial V}{\partial h}}(r,h)={\frac {r^{2}\pi }{3}}}
:
दूसरा उदाहरण, निम्नलिखित फलन को देखिये।
F
(
x
,
y
)
=
3
x
3
y
+
2
x
2
y
2
−
7
y
{\displaystyle F(x,y)=3x^{3}y+2x^{2}y^{2}-7y\,}
F
{\displaystyle F}
का आशिक अवकलज
x
{\displaystyle x}
के सापेक्ष:
∂
F
∂
x
(
x
,
y
)
=
9
x
2
y
+
4
x
y
2
{\displaystyle {\frac {\partial F}{\partial x}}(x,y)=9x^{2}y+4xy^{2}}
F
{\displaystyle F}
का आशिक अवकलज
y
{\displaystyle y}
के सापेक्ष:
∂
F
∂
y
(
x
,
y
)
=
3
x
3
+
4
x
2
y
−
7
{\displaystyle {\frac {\partial F}{\partial y}}(x,y)=3x^{3}+4x^{2}y-7}
(
x
1
,
.
.
.
,
x
n
)
{\displaystyle (x_{1},...,x_{n})}
आदि n चरों के फलन का आंशिक अवकलज निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया जाता है-
∂
f
∂
x
i
(
x
1
,
…
,
x
n
)
=
lim
h
→
0
f
(
x
1
,
…
,
x
i
+
h
,
…
,
x
n
)
−
f
(
x
1
,
…
,
x
n
)
h
.
{\displaystyle {\frac {\partial f}{\partial x_{i}}}(x_{1},\ldots ,x_{n})=\lim _{h\to 0}{\frac {f(x_{1},\ldots ,x_{i}+h,\ldots ,x_{n})-f(x_{1},\ldots ,x_{n})}{h}}.}
d
f
d
t
=
d
d
t
f
(
x
(
t
)
,
y
(
t
)
,
z
(
t
)
,
t
)
=
∂
f
∂
x
d
x
d
t
+
∂
f
∂
y
d
y
d
t
+
∂
f
∂
z
d
z
d
t
+
∂
f
∂
t
{\displaystyle {\frac {\mathrm {d} f}{\mathrm {d} t}}={\frac {\mathrm {d} }{\mathrm {d} t}}f(x(t),y(t),z(t),t)={\frac {\partial f}{\partial x}}{\frac {\mathrm {d} x}{\mathrm {d} t}}+{\frac {\partial f}{\partial y}}{\frac {\mathrm {d} y}{\mathrm {d} t}}+{\frac {\partial f}{\partial z}}{\frac {\mathrm {d} z}{\mathrm {d} t}}+{\frac {\partial f}{\partial t}}}
(2) आंशिक अवकलज की सहायता से पूर्ण अवकलज निकाला जा सकता है, जैसे
(
∂
x
∂
y
)
z
=
−
(
∂
z
∂
y
)
x
(
∂
z
∂
x
)
y
{\displaystyle \left({\frac {\partial x}{\partial y}}\right)_{z}=-{\frac {\left({\frac {\partial z}{\partial y}}\right)_{x}}{\left({\frac {\partial z}{\partial x}}\right)_{y}}}}