अवैध शिकार
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अवैध शिकार या Poaching उन जीवों के शिकार को कहते हैं जो क़ानून द्वारा संरक्षित हैं और जिनके शिकार पर या तो राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाबन्दी लगाई गई हो। इसमें जंगली पौधों या जानवरों को शिकार, कटाई, मछली पकड़ने, या फँसाने के माध्यम से अवैध या गैरकानूनी रूप से ले जाना शामिल है। यह शब्द केवल जंगली पौधों और जानवरों के लिए लागू होता है और यह अगर पालतू जानवर या खेती के साथ किया जाए तो इसे चोरी का दर्जा दिया जाता है न कि अवैध शिकार का।
क्या कारण है कि वन्यजीवों का अभी भी शिकार हो रहा है।
- कानून व्यवस्था का ढीला ढाला होना।
- जानवरों का मनुष्य से संघर्ष।
- औद्योगिकरण नगरीकरण वनों की कटाई आदि।
- लाभ का धंधा।
- खाद्यान्न आपूर्ति के लिए।
- मनुष्य के उपयोग हेतु वस्तुओं का निर्माण।
- जलवायु परिवर्तन के कारण जानवरों के व्यवहार में परिवर्तन
- सामाजिक प्रतिष्ठा और काले जादू के लिए तांत्रिक विद्या के लिए।
- वन अधिकारियों के प्रशिक्षण में कमी तथा उनकी कार्यकुशलता में कमी।
- वन्य अधिकारियों में भ्रष्टाचार।
- आधुनिक युग के रोग और मारक बीमारियां।
अतः निम्न कारणों से सिद्ध होता है कि वन्य जीव का शिकार क्यों और क्यों हो रहा है।