अवतार सिंह अटवाल

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अवतर सिंह अटवाल (Avtar Singh Atwal या A. S. Atwal) पंजाब पुलिस में पुलिस उप महानिरीक्षक थे।

वह स्वर्ण मंदिर के चरणों पर जर्नाल सिंह भंदरावाले के अनुयायियों में से एक के द्वारा मारे गए थे।[1][2][3] तत्काल दिनों में ठीक ऑपरेशन ब्लू स्टार के प्रारंभ होने से पहले मार दिया था।

हरिचंद सिंह लोंगोवाल और गुरचरण सिंह टोहरा जैसे अकाली नेताओं तुरंत रिकॉर्ड पर चले गए ताकि हत्या के किसी भी अनिश्चित पदों की निंदा न करें। कट्टर संत भिंडरनवाले ने कट्टरता का एकमात्र ध्यान आकर्षित किया। जिसने इस काम को "सिखों को बदनाम करने के लिए सरकार का हस्तकला" बताया।[4]

उन्हे वीरता के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक मरणोपरांत से सम्मानित किया गया।[5] वह अपनी पत्नी और बेटे छोड़ गए। उनकी पत्नी अमृता अटवाल बाद में पंजाब सिविल सेवा में शामिल हुईं। उनके पुत्र, हरबीर अटवाल, भी एक इंस्पेक्टर के रूप में पंजाब पुलिस में शामिल हुए।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Dilip K. Das; Peter C. Kratcoski (2003). Meeting the challenges of global terrorism: prevention, control, and recovery. Lexington Books. पपृ॰ 89–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-7391-0499-6. मूल से 31 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 December 2011.
  2. यू ट्यूब पर वीडियो देखें।
  3. "Vir Sanghvi". Vir Sanghvi. मूल से 21 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-02-07.
  4. "DIG Avtar Singh Atwal brutally murdered outside Golden Temple in Amritsar". मूल से 13 मई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-10-14.
  5. "Martyr's Gallery". Punjabpolice.gov.in. मूल से 21 मार्च 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-02-07.