अलेक्ज़ेन्डर सोमा
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अलेक्जैण्डर चोमा डी कोरोस Alexander Csoma de Kőrös | |
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जन्म |
सान्दोर चोमा (Sándor Csoma) 27 मार्च 1784[1] कोरोस (Kőrös), Grand Principality of Transylvania (वर्तमान समय में यह रोमानिया के कोवासना ((Covasna) का भाग है) |
मौत |
11 अप्रैल 1842 दार्जीलिंग | (उम्र 58 वर्ष)
पेशा |
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सेन्डोर अलेक्ज़ेंडर सोमा (Alexander Csoma de Kőrös, १७८४-१८४२) हंगरी के एक प्रसिद्ध यात्री तथा भाषाविद थे जिनको तिब्बती भाषा के ज्ञान को यूरोप में लाने वाला पहला व्यक्ति कहा जाता है। उन्होंने प्रथम तिब्बती-अंग्रेजी शब्दकोश की रचना की, जो एक क्रान्तिकारी पहल थी। एक प्रसिद्ध कहावत के अनुसार इन्होंने हंगरी भाषा के मूल को तिब्बती बोलियों में ढूँढने की कोशिश की थी जिसके कारण उन्होंने मध्य एशिया से होकर तिब्बत की यात्रा की। यद्यपि वे इस अपनी धारणा को सिद्ध नहीं कर पाए परन्तु बाद में उन्हें 'तिब्बतशास्त्री' के नाम से ख्याति मिली।