अयूब ख़ान (पाकिस्तानी शासक)
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अयूब ख़ान पूरा नाम मोहम्मद अयूब खान (जन्म: १४ मई १९०७, मृत्यु: १९ अप्रैल १९७४) सन उन्नीस सौ साठ के दशक में पाकिस्तान के फील्ड मार्शल थे। वे १९५८ से १९६९ तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। वे पाकिस्तानी सेना के पहले कमाण्डर-इन-चीफ बने। अयूब खान पाकिस्तानी फौज में सबसे कम आयु के जनरल थे जो पाकिस्तान के सैन्य इतिहास में स्वयंभू फील्ड मार्शल बने। वे पाकिस्तान के इतिहास में पहले सैन्य कमाण्डर थे, जिन्होंने सरकार के विरुद्ध सैन्य विद्रोह कर सत्ता पर कब्जा किया।
आरम्भिक जीवन
[संपादित करें]अयूब का जन्म वर्तमान पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर-सीमान्त प्रान्त में हरीपुर जिले के रेहाना गाँव में हुआ था। वे पश्तून समुदाय से थे। उनके पिता का नाम मीर दाद खान था। मीर दाद खान सेना में एक नान-कमीशन्ड ऑफिसर थे। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गाँव में ही हुई। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। परन्तु वे शिक्षा पूरी भी नहीँ कर पाये थे कि रॉयल मिलिट्री अकादमी में उनका दाखिला हो गया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने कप्तान के रूप में बर्मा में युद्ध लड़ा। भारत विभाजन के बाद वे पाकिस्तानी सेना में शामिल हो गये। बाद में पदोन्नति पाकर वे ब्रिगेडियर बन गये और वजीरिस्तान में कमान सँभाली। १९४८ में उन्हें पूर्वी बंगाल का मेजर जनरल बनाकर भेजा गया। १९४९ में वे पश्चिमी पाकिस्तान लौट गये और वहाँ के कमाण्डर-इन-चीफ बन गये।
कमाण्डर-इन-चीफ
[संपादित करें]१७ जनवरी १९५१ को अयूब खान पाकिस्तानी सेना के कमाण्डर-इन-चीफ बने। वे पाकिस्तानी मूल के पहले कमाण्डर-इन-चीफ थे। रक्षामन्त्री सिकन्दर मिर्जा ने उनकी पदोन्नति में अहम भूमिका निभायी थी। यही सिकन्दर मिर्जा आगे जाकर पहले पाकिस्तान के गवर्नर-जनरल बने और फिर पाकिस्तान के राष्ट्रपति हुए।