अब्दुर्रहमान (कवि )

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अब्दुर्रहमान अवहट्ट भाषा के प्रारंभिक महाकवियों में गिने जाते हैं। इनका आविर्भाव अपभ्रंश काल के परवर्ती युग में हुआ।

व्यक्तिगत जीवन[संपादित करें]

इनके पिता का नाम मीर हुसैन और यह मुल्तान के निवासी थे।

काव्य[संपादित करें]

सन्देश रासक/रासो उनकी प्रसिद्ध कृति है जिसे 1207 ई॰ के लगभग का बताया जाता है।[1] यह एक दूतकाव्य है। हिंदी साहित्य में प्रकृति वर्णन का समावेश करने वाले प्राथमिक कवियों में इनकी गणना की जाती है।

प्राथमिक कवि[संपादित करें]

यह अवहट्ट भाषा के प्रथम मुसलमान कवि माने जाते हैं।[2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Mātāprasāda Gupta (1962). Rāso sāhitya vimarś. Sāhitya Bhavana. पपृ॰ 9-.
  2. संसार चन्द्र (1 जनवरी 1986). Some Prominent Muslim Hindi Poets. आत्मा राम. पपृ॰ 13–15. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7043-000-1.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

हजारी प्रसाद द्विवेदी (1 सितम्बर 2003). सन्देश रासक. राजकमल प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-267-0585-6.