अनूप महाजनपद
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महाभारत कालिन अनूप महाजनपद,वर्तमान मध्य प्रदेश के दक्षिणी-पश्चिम छोर पर नर्मदा घाटी क्षेत्र में फ़ेला भू-भाग हे जिसको महाजनपद काल में अनूप के नाम से जाना जाता था,अनूप जनपद वर्तमान में निमाड के नाम से प्रसिद्ध हे! आजकल निमाड क्षेत्र पूर्वी निमाड (खरगोन) एवं पश्चिम निमाड (खंडवा) के नाम से जाना जाता हे जिनका इतिहास पुरापाषाणकाल से भी सम्बन्धीत हे महेश्वर एवं नावदाटोली नामक स्थानो पर सिंधु घाटी सभ्यता और ताम्रपाशाण संस्कृति के प्रमाण मिलते हे! आर्यो एवं निआर्यो (जो आपने आप को आर्य नहीं मानते थे) के मध्य का क्षेत्र होने के कारण इसका निमार पड़ा जो बाद में निमाड कहलाने लगा नीम के पेड़ॊ कि अधिकता के कारण भी इसे सम्भवतः निमाड (निम कि आड़) कहते हे! खरगोन जिले के महेश्वर शहर को रामायणकाल में माहिश्मति के नाम से जाना जाता था जिसपर हेहय वंश के प्रतापी राजाओं ने राज किया था जिसकी स्थापना माहिश्मत नाम के राजा ने करी थी इस वंश के प्रतापी राजा किर्तिविर्य सह्स्त्राआर्जुन ने लंकापति रावण को युद्ध में पराजित किया था एवं बन्धी बनाया था जिसको भगवान शिव के आदेश पर पुल्तस्य ऋषि ने बंधीग्रह से छुडाया था! इसी क्षेत्र में ॐकारेश्वर नाम का पवित्र स्थान हे जहां 12 ज्योतिृलिन्गो से में से एक ज्योतिर्लिन्ग नर्मदा नदी के तट पर स्थापित हे ओंकारेश्वर को मान्धाता नगरी के नाम से भी जाना जाता हे कहा जाता हे कि जिसकी स्थापना इक्ष्वाकु वंश के प्रतापी राजा मुचुकुन्द ने अपने पूर्वज मान्धाता के नाम पर करी थी! वर्तमान निमाड क्षेत्र कृषि अधारित हे जहां कि प्रमुख फ़सले कपास एवं मिरची हे इसी कारण इस क्षेत्र को सफ़ेद सोने का क्षेत्र कहा जाता हे साथ हि साथ बैडिया नामक स्थान पर विश्व प्रसिद्ध मिरची मन्डी हे!