अनुक्रम की सीमा
एक अनुक्रम X या xn जो कि वास्तविक अंकों में परिभाषित है , x की ओर अभिसारी है, यानि xn कि सीमा कहलाता है यदि हर ε>0 के लिए एक प्राकृतिक अंक k(ε) इस प्रकार विद्यमान है कि हर n≥k(ε) के लिए सभी सदस्य xn इस असमानता को पूरा करते हों:-
|xn-x|<ε
k कि ε पर निर्भरता पर ज़ोर देने के लिए k(ε) का प्रयोग किया गया है| ज़्यादातर मामलों में ε के एक छोटे मान के लिए उतने ही ज़्यादा बड़े k(ε) कि आवश्यकता होगी ताकि xn ओर x के बीच की दूरी |xn-x|, हर n≥k(ε) के लिए ε से कम रहे| इसी व्याख्या को इस रूप में भी लिखा जा सकता है-
lim X = x या lim (xn) = x
xn -> x इस विचार की ओर संकेत करता है कि जब n का मान अनंत (∞) कि ओर बढ़ेगा तब xn के सदस्य x की ओर अग्रसर होंगे|[1]
n | n sin(1/n) |
---|---|
1 | 0.841471 |
2 | 0.958851 |
... | |
10 | 0.998334 |
... | |
100 | 0.999983 |
गणित में अनुक्रम की सीमा वह मान है जिसकी ओर अनुक्रम के पद अग्रसर होते हैं।[2] यदि इस तरह की कोई सीमा विद्यमान है तो अनुक्रम अभिसारी कहलाता है। यदि अनुक्रम जो अभिसरण नहीं करता उसे अपसारी कहते हैं।[3] अनुक्रम की सीमा का मान मूलभूत निरूपण है और सभी विश्लेषण इसके अनुसार परिभाषित किये जाते हैं।[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Kreyszig, Erwin 1922-2008 Sonstige Kreyszig, Herbert Sonstige (2006). Advanced engineering mathematics. Wiley. OCLC 1075313019. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780471728979.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
- ↑ अ आ Courant (1961), p. 29.
- ↑ Courant (1961), p. 39.