अचिन्त्यभेदाभेद

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'''अचिन्त्यभेदाभेद''' (अचिन्त्य-भेद-अभेद) वेदांत का एक सम्प्रदाय है जो अकल्पनीय एकत्व और अंतर के दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है।[1] संस्कृत में अचिन्त्य का अर्थ है 'अकल्पनीय', भेद का अनुवाद 'अंतर' के रूप में होता है, और अभेद उसका विलोम है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Gupta, Ravi M. (2007). Caitanya Vaisnava Vedanta of Jiva Gosvami's Catursutri tika. Routledge. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-415-40548-5.pp. 47-52

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