अंजनपर्व

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महाभारत के अनुसार अंजनपर्व भीमसेन और हिडिम्बा के पुत्र घटोत्कच का पुत्र था। अंजनपर्व के अन्य दो भाई बर्बरीक और मेघवर्ण का भी महाभारत में उल्लेख है। अंजनपर्व का वध आचार्य द्रोण के पुत्र अश्वत्थामा ने किया था।

जन्म[संपादित करें]

भगवान श्रीकृष्ण ने मोरवी का विवाह घटोत्कच से कर दिया। विवाह के कुछ ही समय बाद मोरवी गर्भवती हुई और तीन पुत्रों को जन्म दिया। ज्येष्ठ पुत्र के बाल बब्बर शेर के समान घुंघराले थे और इसी कारण उसे बर्बरीक और अन्य दो पुत्रों को अंजनपर्व और मेघवर्ण नाम दिया गया।

महाभारत युद्ध एवम् मृत्यु[संपादित करें]

अंजनपर्व और मेघवर्ण ने युद्ध में भाग लिया। युद्ध में दोनों भाइयों ने बड़ी वीरता का परिचय दिया। युद्ध के चौदहवें दिन कर्ण के हाथों घटोत्कच , अश्वत्थामा के हाथों अंजनपर्व तथा वनसेन के हाथों मेघवर्ण का वध हो गया।