सदस्य:Masoom Chaudhary
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Naim Chaudhary
Public
Mar 25, 2018
बरनावी मुस्लिम गुर्जर बहुल गांव है इस गांव के आस पास 84 गांव मुस्लिम गुर्जरो के है इस इलाके के kalsiyan Area कहते है।।इस गांव को सब से पहले नूरा चौधरी और मंजूरा चौधरी पुत्र गेंदा चौधरी के वंशजो ने बसाया था। नूरा चौधरी के तीन पुत्र है हकमली चौधरी शाहदीन चौधरी और कसमलि चौधरी है।।
हकमली चौधरी के एक पुत्र जुल्फांन और शादीन चौधरी के तीन पुत्र सेंजर चौधरी अफजाल नवीन और नईम चौधरी है
और कासमलि चौधरी के थीं पुत्र आजम अमजद और साहिल चौधरी है
और मंजूरा चौधरी के पांच पुत्र फुरकान चौधरी तथा इरफ़ान इसरार इमरान एवम् इंतजार चौधरी है
कहाः जाता है की नूरा चौधरी ने अपने गांव को बसने की लिये दूसरे इलाके के लोगो को अपने गांव में रहने के लिये फ्री में घर और खेत दिये।और इस तरह से गाँव की आबादी को बढ़ाया।इस गाँव में सभी लोग बाहर से आकर बसे लेकिन नूरा परिवार ही इस गांव में ऐसा परिवार है जो इसी गाँव का माना जाता है।।इस गाँव में 1988..1999तक फ़िल्म सोले की तरह गुंडाराज रहा कुछ गुंडे नूरा परिवार को ख़त्म करना चाहते थे लेकिन वे अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सके और सभी गुंडों को 19 वी में ही सरकार ने और गाँव वालो ने ख़त्म क्र दिया।
इस गाँव का पुराना नाम बरनाऊ था जो बाद में चौधरी मंजूरा ने बरनावी रखा
इस गांव में प्राथमिक स्कूल सब से पहले नूरा चौधरी के छोटे भाई मंजूरा चौधरी ने बनवाया था।इस गांव में kalsiyan खाफ मुख्य है और नूरा चौधरी अपने गांव में इस खाफ के मुख्य है।
इस गाँव के लोग पहले शिक्षा से वांछित थे कोई भी पढ़ा लिखा नहीं था लकिन अब ये गाँव विकास की और है यहा पक्की सड़के और नाली खेतो के लिया ट्यूबल और तालाब है ।अब इस गाँव के नवयुवक पड़ने के लिये बहार जाते है और कुछ नोकरी भी करते है।।
इस गाँव की एक खासियत जो इस गाँव में चला जाता है वो यही का हो जाता है इस बात के कई उदहारण आप को गाँव में दखने को मिलेगे।
इस गांव में एक गुर्जर चौपाल है जिस में गांव के सभी धर्मो के लोगो के फैसले होते है।।
इस गाँव में गुर्जरो के साथ साथ कसियप बनिया आदि जाती के लोग रहते है
सभी लोग आपस में भाईचारे से रहते है।।और ये गाँव हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशाल है।।।
सन्2016 में मंजूरा के पुत्र इरफ़ान चौधरी को इस गाँव का सरपंच बनाया गया।।।
धन्यवाद ।।