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नुरुल अमीन

प्रारम्भिक जीवन[संपादित करें]

नुरुल अमीन

नुरुल अमीन का जन्म १५ जुलाई १८९३ मे शाहबाज़पुर मे हुआ था| वे पाकिस्तान के पेट्रियट के नाम से भी जाने जाते थे| वह एक प्रमुख पकिस्तानी नेता, विधिवेत्ता, राष्ट्रीय रुढ़िवादी एवम मुस्लिम लीग पाकिस्तान के सन्स्थापक भी थे| ईस्ट बंगाल के मुख्यमन्त्री के रूप मे १९४८ मे उन्होने राजनीति कि शुरुवात करते हुए मन्त्रालय कि अपूर्ति का न्रेतत्व किया| वह १९७० से १९७२ तक पाकिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति बने| वे भारत - पाकिस्तान युद्ध मे पाकिस्तान के प्रमुख थे| अमीन एक देशभक्त थे जो पाकिस्तान को एकजुट रखना चाहते थे|

सार्वजनिक सेवा[संपादित करें]

सन् १९३२ मे अमीन को ब्रिटिश सरकार ने जमालपुर नगर पालिका के आयुक्त के रूप मे नियुक्त किआ| १९३७ मे उन्हे मेमन सिन्घ बोर्ड के अध्यक्श के रूप मे नियुक्त किअ गया था| इस दौरान राजनीति मे उनकी दिल्चस्पी बढी| मोहम्मद अली जिन्ना के न्रेतत्व मे वे मुस्लिम लीग के प्रारम्भिक सदस्य बन गए| १९४४ मे वह बंगाल प्रान्तिय मुस्लिम लीग के उपाध्यक्श के रूप मे निर्वाचित किए गए थे| १९४५ मे अमीन ने भारतीय आम चुनाव मे भाग लीया और एक भारी जीत हासिल की और अगले वर्श वे बगाल विधान सभा के अध्यक्श जनरल के रूप मे निर्वाचित किए गए| अमीन ने पुर्वि पाकिस्तान मे १९६५ के राष्ट्रपति चुनाव मे एक उमीदवार के रूप मे भाग लिआ और सन्सद मे बहुमत जीती| उन्होने आयूब खान के साथ काम करने के लिये मना कर दिया| उसी वर्श फातिमा जिन्ना कि मौत के बाद जनरल याहया खान के मार्शल लौ फिर से लगाने के बाद अमीन विपक्श के नेता बने|

नुरुल अमीन - शपथ ग्रहण

१९७० के चुनावो मे अमीन पुर्वि पाकिस्तान से केवल दो गेर अवामी लीग के सदस्यो मे से एक के रूप मे नेशनल असेम्बली के लिए चुने गए थे| जब पूर्वी पाकिस्तान के अपने ग्रह जीले मे स्थिति खराब हो गई तब अमीन राष्ट्रपति जनरल आगा मोहम्मद आया खान द्वारा ६ दिसम्बर १९७१ को प्रधान्मन्त्री के रूप मे नियुक्त किये गये थे| उन्होने यह पद २१ अप्रेल १९७२ तक धारन करे रखा जब तक मार्शल लौ हटा लिया गया था| अमीन पश्चिमी पाकिस्तान मे रुके थे जब की उन के घर शेत्र ने बांगलादेशी पीपल्स गणराज्य के रूप मे स्वतन्त्रता हासिल की| अमीन एक विवादास्पद पात्र थे| नुरुल् अमीन कायदे अज़हम के भरोसेमन्द लेफ्टिनेन्ट थे| कई पाकिस्तानीयो द्वारा वे देशभक्त माने जाते थे परंतु बांग्लादेशियो का मानना था कि वह अन्य युद्ध अपराधो मे भागिदार थे|

निधन[संपादित करें]

पाकिस्तान की एक जुटता खत्म होने के तीन वर्ष के अन्दर ही उन्की मृत्यु हो गई| अमीन का निधन २ अक्टुबर १९७४ को रावलपिंडी मे हुआ| १९७४ मे उन्हे प्रधानमन्त्री ज़ुल्फिकार अली भुट्टो ने सार्वजनिक राज्य अंतिम सन्सकार दिया| उन्हे जिन्ना की कब्र के पास जिन्ना कि समाधि मे दफनाया गया था| उन्कि कब्र विशेश रूप से निर्मित कि गई थी| उन्होने अपने आप को पाकिस्तान के एकजुट्ता योद्धा के रूप मे साबित कर दिया था| उन्होने अपने प्रयासो, बुद्धि और संघ्रष के सहारे खुद के लिये उचत्तम कुर्सी अर्जित की|

संदर्भ[संपादित करें]

[1] [2]

  1. http://storyofpakistan.com/nurul-amin/
  2. http://www.pakistanherald.com/profile/nurul-amin-1190