एमानिटा बिस्पोरिगेरा

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एमानिटा बिस्पोरिगेरा
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: कवक
विभाग: बैसिडिओमाइकोटा
वर्ग: एगरिकोमीकेटेस
गण: एगरिकलेस
कुल: एमानिटाकेए
वंश: एमानिटा
जाति: ए॰ बिस्पोरिगेरा
द्विपद नाम
एमानिटा बिस्पोरिगेरा
जी॰ एफ॰ एट्किंसन (1906)
पर्यायवाची[1][2]
  • Amanita phalloides var. striatula Peck (1902)
  • Amanita vernella (Murrill) Murrill (1945)
  • Amanitina bisporigera (G.F.Atk.) E.-J. Gilbert (1941)

एमानिटा बिस्पोरिगेरा (Amanita bisporigera) एक प्रकार का विषैला फफूंद (कवक) है। यह एमानिटा प्रजाति है। यह उत्तर पूर्वी अमेरिका से दक्षिण में मेक्सिको तक के जंगलों में पाया जाता है। इसका पश्चिमी उत्तर अमेरिका में मिलना लगभग न के बराबर है। इस फफूंद के ऊपर सफेद सिर का आकार लगभग 10 से॰ मी॰ तक होता है। यह 14 से॰ मी॰ ऊपर बढ़ता है और 1.8 से॰ मी॰ तक मोटा होता है।

इसके बारे में पहली बार 1906 को बताया गया, और बिस्पोरिगेरा की श्रेणी में जोड़ा गया था। इसे खाने के लगभग 6 से 24 घंटों के बाद इसके पहले लक्षण का पता चलता है। इसके बाद जिगर और गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं। उसके बाद चार या उससे अधिक दिनों के बाद मौत हो जाती है।

वर्गीकरण[संपादित करें]

एमानिटा बिस्पोरिगेरा को वैज्ञानिक रूप से वर्णित सबसे पहले 1906 में अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री जॉर्ज फ्रांसिस एटकिंसन ने किया था। जिसका प्रकाशन कॉर्नेल विश्वविद्यालय में उनके सहयोगी चार्ल्स लुईस द्वारा हुआ। वर्ष 1941 में एडवर्ड-जीन गिल्बर्ड ने इसे नये वंश एमनिटिना में डाल दिया। लेकिन अब इसे एमानिटा में ही रखा गया है। इसके लिए अमेरिका में स्थानीय भाषा में इसे "मौत की सफेद टोपी" कहा जाता है। क्योंकि यह एक विषैला कवक है और इससे मरने वालों की मृत्यु दर 25% से 50% है।

==विवरण==फफूंद को म्यूकस भी कहा जाता है

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

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बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]