सदस्य:Ishita.john/प्रयोगपृष्ठ
यह सदस्य विकिपरियोजना क्राइस्ट विश्वविद्यालय का हिस्सा है।. |
एनोरेक्सिया
अछा दिख्ने के लिये हम लोग खुद पर बहुत मेह्नत करते है। कुछ लोग अपनी सेह्त का ख्याल न रख कर अछा दिख्ना छाह्ते है। पतला दिख्ने के लिये लोग न सही से खाते है ना पीते है। इस मनोवैज्ञानिक बीमारि को 'एनोरेक्सिया' केह्ते है। पतला दिख्ने के लिये जब खाने की आदतों , विचारों , और जीवन पर अस्रर पड़ता है तो इसे एक मनोवैज्ञानिक विकार माना जाता है। यह बीमारी सभी उम्र की महिलाओं , पुरुषों और बच्चों को प्रभावित कर सकता हैं और ये जान लेवा भी बन सक्ता है।
मुख्य विशेषताए और प्रकार्
[संपादित करें]एनोरेक्सिया के तीन मुख्य विशेषताए
- १- वज़न बढ़ने का डर
- २- शरीर् से नाखुश
- ३- एक स्वस्थ शरीर के वजन को बनाए रखने की कमी
एनोरेक्सिया के दो प्रकार के होते हैं :
- १- सीमित प्रकार: जहा वजन घटाने सीमित कैलोरी ( कठोर आहार, उपवास के बाद, और अतिरिक्त कसरत ) द्वारा हासिल की जाती है।
- २-मिटाने प्रकार: जहा वजन घटाने के लिये उल्टी या जुलाब का उपयोग किय जाता है।
वज़न बढ़ने के डर से लोग दिन-रात बस यही सोचते रेह्ते हे कि क्या खाना चाहिये और क्या नही , कुछ लोगो को डिप्रेशन भी हो जाता हे क्युकि वे अप्ने शरीर् से नाखुश रेह्ते है। लोग चाहे जितने भी पत्ले क्यु न हो जाये वे कभी खुश नही रेह्ते।
एनोरेक्सिया के संकेत और लक्षण
[संपादित करें]व्यवहार के आधार पर-
- १-पतली होने के बावजूद खाने मे परहेज़
- २- कैलोरी के साथ जुनून सवार
- ३- खाना खाने के बारेमे झूत बोल्ना
- ४- खाने मे सख़ती
रूप के आधार पर-
- १- अचानक वज़न क्म होना
- २- शरीर की छवि पर ज़्यादा ध्यान देना
- ३- पतला बुलाने जाने पर खंडन
अन्य लक्षण-
- १- खाने के बाद वमन करना
- २- वज़न क्म करने के लिये द्वाई लेना
- ३-खाने के बाग अधिक व्यायाम करना
इस बीमारी का कारण
[संपादित करें]इस बिमारी का कोइ एक कारण न्ही होता हे। एनोरेक्सिया कई सामाजिक, भावनात्मक और जैविक कारकों के संयोजन से उठता है। वे हर किसी के लिए एकदम सही होने की कोशिश करते है लेकिन वे वास्तव में असहाय और निराश हैं, वे असफल मान्ते है खुद को। परिवार और सामाजिक दबाव के कारक भी एनोरेक्सिया हो सक्ता है। माता-पिता जो उनके बच्चों के शरीर और उपस्थिति की आलोचना करते है उन ब्च्चो को एनोरेक्सिया हो सक्ता है। तनावपूर्ण जीवन भी एनोरेक्सिया को ट्रिगर कर सकता है। आनुवंशिक कारक भी एनोरेक्सिया के लिये योगदान करते हैं। अगर परिवार मे किसि को ये बीमारी है तो ये मुमकिन है कि दूसरे किसि सद्स्य को भी इसका असर हो सक्ता है। ये इस लिये क्युकि बद्न मे 'सेरोटोनिन्' और 'नोरेपिनेफ्रिने' के स्तर कम हो जाते है।
असर
[संपादित करें]एनोरेक्सिया का असर कुछ इस प्रकार होता है;- १- शरीर् के छवि से नाखुश रेह्ना
- २- रिशतो मे दरार
- ३- कम आत्म सम्मान होना
- ४- भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ होना
- ५-उर्जा में कमी
- ६- डिप्रेशन
- ७-ख़राब स्वास्थ्य - बेहोश होना ओर शरीर का पीलापन
- ८- कब्ज
ये तो साबित हो चुका है कि एनोरेक्सिया जान लेवा है लेकिन यह जानना ज़्र्रुरी है कि जो लोग इस दौर से गुज़्रर रहे हे वे ये कभी नही मानेगे कि वे बीमार है। इस लिये यह ज़्र्रुरी है कि म्ररीज़ के परिवार वाले और शुभचिन्तक ध्यान दे। इस बिमारी मे कोइ अकेला नही है, सही समय पर मदद और सही मदद से इन लोगो को बचाया जा सक्ता है।
उऴळॆख
[संपादित करें]<Reference/> http://www.helpguide.org/articles/eating-disorders/anorexia-nervosa.htm