आरव

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आरव का अर्थ कोलाहल होता है।

संस्कृत के विद्वान नित्यानंद मिश्रा के अनुसार आरव शब्द का प्रयोग रामायण में बंदरों का चिल्लाना, मक्खियों का भिनभिनाना, पक्षियों का कलरव आदि के लिए हुआ है।

मूल[संपादित करें]

  • आरव संस्कृत मूल का शब्द है। रव शब्द में आ उपसर्ग लगाकर यह शब्द बना है। रव का अर्थ होता है ध्वनि

संदर्भ[संपादित करें]

[1]

  1. [1] Archived 2019-05-17 at the वेबैक मशीन ‘Vivaan’ Means ‘A Woven Chair’, Not ‘A Ray Of Sun’: How A Scholar Is Countering Lies Around Sanskrit Baby Names