नोरार

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मुरैना के निकट, 8वीं से 12वीं शताब्दी का जालेश्‍वर आज का नोरार है। यहां अनेक मंदिर बने हुए हैं। इन मंदिरों में 21 मंदिर आज भी देखे जा सकते हैं जो पहाड़ी की तीन दिशाओं में है। प्रतिहार नागर शैली में बना जानकी मंदिर यहां का लोकप्रिय मंदिर है। पहाड़ी पर अनेक दुर्लभ कुंड देखे जा सकते हैं। इन कुंडों को पहाड़ी के पत्थरों को काटकर बनाया गया था। यहां अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां भी देखी जा सकती है।