केसरिया स्तूप

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केसरिया स्तूप एक प्राचीन बौद्ध स्तूप है जो बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के केसरिया में स्थित है। केसरिया, पटना से ११० किमी दूरी पर है। अनुमान किया गया है कि इसका निर्माण ईसापूर्व ३री शताब्दी में आरम्भ हुआ। इस स्तूप की परिधि १२० मीटर है और ऊँचाई लगभग ३२ मीटर। अब तक यह विश्व का सबसे ऊंचा उत्खनन स्तूप होने का अनुमान है। 

केसरिया स्तूप, केसरिया, चंपारण जिला, बिहार, भारत

यह स्तूप पूर्वी चंपारण में पर्यटन की दृष्टि से प्रमुख स्थान रखता है। स्तूप बौद्ध काल के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है। इसका एक बहुभुज आधार है और ऊपर से बहुभुज आकार की ईंटों से ढका हुआ है। पुरातत्व स्थलों के प्रेमियों के लिए यह निश्चित रूप से देखने लायक जगह है। [1]

भगवान बुद्ध जब कुशीनगर जा रहे थे तो वह एक दिन के लिए केसरिया में ठहरे थे।[2] जिस स्‍थान पर पर वह ठहरे थे, उसी जगह पर कुछ समय बाद सम्राट अशोक ने स्‍मरण के रूप में स्‍तूप का निर्माण करवाया था। इसे विश्‍व का सबसे बड़ा स्‍तूप माना जाता है। वर्तमान में यह स्‍तूप 1400 फीट के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी ऊंचाई 51 फीट है। अलेक्‍जेंडर कनिंघम के अनुसार मूल स्‍तूप 70 फीट ऊंचा था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]