हैमलेट
हैमलेट (Hamlet)[1] शेक्सपियर का एक दु:खांत नाटक है I इस नाटक का पूरा नाम डेनमार्क के राजकुमार हैमलेट की त्रासदी ( द ट्रेजेडी ऑफ़ हैमलेट , प्रिंस ऑफ़ डेनमार्क ) है I सर्वप्रथम इसका अभिनय सन् १६०३ ई. में हुआ था । सर्वप्रथम इसका प्रकाशन लगभग सन् १६०४ ई. के आसपास हुआ था।
कथानक
[संपादित करें]क्लॉडियस अपने बड़े भाई और डेनमार्क के राजा हैमलेट की हत्या करता है। उसके इस षडयंत्र में मृत राजा की पत्नी गरट्रूड भी उसका साथ देती हैI वो दोनों ये अफवाह फैला देते हैं कि राजा हैमलेट की मौत सांप के काटने से हुई है I राजा की मृत्यु के कुछ दिन बाद ही गरट्रूड क्लॉडियस से शादी कर लेती है। इस प्रकार अब क्लॉडियस डेनमार्क का नया राजा बन जाता है I
राजकुमार हैमलेट, जो कि राजा हैमलेट का पुत्र है, वह इस कहानी का नायक है I जब राजा की मृत्यु होती है तब वह विटेनबर्ग में पढने के लिए गया हुआ था और पिता की अकस्मात मृत्यु की खबर सुनकर डेनमार्क वापिस लौटता है I स्वाभविक रूप से उसे अपनी माँ की इतनी जल्दी दूसरी शादी से बहुत हैरानी होती है I एक रात उसे अपने पिता का भूत ( प्रेतात्मा ) दिखाई देता है जो उसे उसके चाचा और उसकी माँ के षडयंत्र से अवगत करवाता है और उसे अपने चाचा क्लॉडियस से बदला लेने लिए प्रेरित करता है I वह प्रेत उस से वचन लेता है कि वह अपनी माँ को कोई नुक्सान न पहुचाये I
राज कुमार हैमलेट अपनी बदले की भावनाए छुपा कर अजीब सा व्यवहार करने लगता है I जिससे लोगों के मन में यह धारण होती है कि वह लार्ड चेंबरलेन पोलोनियस की पुत्री ओफीलिया के प्रेम में पागल हो गया है। वह ओफीलिया से प्यार करता है लेकिन उसका अजीब व्यवहार ओफीलिया को भी परेशानी में डाल देता है I
हैमलेट के पागलपन और अपने पिता की मौत के सदमे के कारण ओफीलिया पागल हो जाती है और उसकी मृत्यु हो जाती है I लेयरटीज पोलोनियस का पुत्र और ओफीलिया का भाई है I क्लॉडियस उसे ये विश्वास दिला देता है कि उन दोनों की मौत का कारण हैमलेट ही है I लेयरटीज हैमलेट को द्वंद युद्ध के लिए चुनौती देता है। लेयरटीज को क्लाडियस का समर्थन प्राप्त है। क्लाडियस लेयरटीज को विष से बुझी हुई तलवार देता है ताकि हैमलेट को मारना आसान हो जाये I क्लाडियस ये भी इंतजाम करता है कि यदि हैमलेट लेयरटीज को मार देता है तो वह उसकी जीत की ख़ुशी में विष मिला हुआ मदिरा का प्याला उसे दे देगा I हैमलेट और लेयरटीज दोनों घायल हो जाते हैं और उनकी तलवारें भी आपस में बदल जाती हैं I लेयरटीज पहले मर जाता है और मरने से पहले हैमलेट से माफ़ी मांगता है और गरट्रूड भी अनजाने में विष मिली हुई मदिरा पीकर मर जाती है। हैमलेट क्लाडियस को मार देता है और मरने से पहले अपने ख़ास मित्र होरेशियो को सम्बोधित करता है और कहता है कि वह डेनमार्क के सम्राज्य को संभाले I
यह कहानी नोर्वे और डेनमार्क के आपसी झगड़े की पृष्ठभूमि को भी बयान करती है I
इस नाटक में अनेक महत्वपूर्ण नैतिक और मनोवैज्ञानिक प्रश्नों का समावेश हुआ है तथा समीक्षकों ने इसमें निबद्ध समस्याओं पर गंभीर विचार प्रकट किए हैं।
पात्र
[संपादित करें]- राजकुमार हैमलेट - दिवंगत राजा हैमलेट और रानी गरट्रूड का पुत्र, कहानी का मुख्य पात्र I
- क्लाडियस - दिवंगत राजा हैमलेट का छोटा भाई और डेनमार्क का नया महाराजा I
- गरट्रूड - दिवंगत राजा हैमलेट की पत्नी और राजकुमार हैमलेट की माँ, जो बाद में क्लाडियस से शादी कर लेती है I
- पोलोनियस - राजा क्लाडियस का मुख्य सलाहकार I
- ओफीलिया - पोलोनियस की पुत्री जो राजकुमार हैमलेट से प्यार करती है I
- लेयरटीज - पोलोनियस का पुत्र और ओफीलिया का भाई I
- होरेशियो - राजकुमार हैमलेट का सबसे खास मित्र I
- प्रेत - दिवंगत राजा हैमलेट का भूत I
- फोर्टीनब्रास[2] - नॉर्वे का राजकुमार I
- रोज़नकरैंटज़ और गिल्डनस्टर्नज़[3] - हैमलेट के दोस्त और क्लाडियस के दरबारी
- ↑ "Hamlet", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2019-08-27, अभिगमन तिथि 2019-09-03
- ↑ "Fortinbras", Wikipedia (अंग्रेज़ी में), 2019-09-21, अभिगमन तिथि 2019-09-21
- ↑ "रोज़नकरैंटज़ और गिल्डनस्टर्नज़", विकिपीडिया, 2019-09-21, अभिगमन तिथि 2019-09-21